कयामत आ सकती है

क्या कभी आप अपने पापा से अपनी रैश डाइविंग को डिस्कस करेंगे, खासतौर पर उस तरह जैसे अपने दोस्तों से करते हैं, मानो स्टंट की दुनिया के आप सुपरमैन हों? निश्र्चित रूप से आपका जवाब होगा, नहीं। कभी नहीं। फिर भी मान लीजिए, आपकी रैश डाइविंग के बारे में आपके पापा को शब्दशः पता चल जाए, तो इसमें कई लोगों की भूमिका हो सकती है। आपका क्लोज फ्रेंड जो आपसे जलता-भुनता हो या फिर आपका जबरदस्त हितैषी हो, आपके पापा के फ्रेंड, आपका छोटा भाई या बहन अथवा मम्मी या फिर…. आपका मोबाइल फोन।

जी, हॉं! मोबाइल फोन अब आपकी चुगली करने वाला और चुपके से जासूसी करने वाला एक खास उपकरण बन चुका है। जरा-सी असावधानी आपको इसके नकारात्मक चंगुल में फंसा सकती है। पिछले दिनों नेहा वत्स के साथ ऐसा ही हुआ। उसने अपने ब्वॉयोंड शरद को फोन मिलाया और उससे तकरीबन आधे घंटे तक बेहद अंतरंग बातें करती रही। यहां तक कि इस बातचीत में कुछ गरमा-गरम फैंटेसी भी शामिल थी। इन बातों से मिली ऊर्जा से लबरेज जब नेहा मन ही मन गुनगुनाते स्वर में घर पहुंची तो मम्मी का तमतमाया चेहरा देखकर उसको अचानक समझ में ही नहीं आया कि हमेशा उस पर प्यार बरसाने वाली मां आखिर आज इस कदर गुस्से में क्यों हैं? उसे कई दिन बाद पता चला कि मम्मी के गुस्से का रा़ज क्या था। दरअसल, इश्क की खुमारी में नेहा ने अपने ब्वॉयोंड को फोन मिलाया और बात करते समय उसकी अंगुलियां स्पीड डायल में सेव मम्मी के नंबर पर पड़ गईं और उसे पता ही नहीं चला कि मम्मी को भी फोन लग गया। क्योंकि उसने की-पैड को लॉक नहीं किया था।

इस तरह उसकी मम्मी ने उसके और शरद के बीच में हुई एक-एक बात सुन ली, जिसमें कुछ आपत्तिजनक भी थीं और कुछ ऐसी थीं, जिसमें बेटी की बेवकूफी का पता चल रहा था। वास्तव में यही वजह थी कि जब नेहा घर पहुंची तो मम्मी आग-बबूला थीं। लेकिन यह एक अकेली नेहा की पोल खुलने का किस्सा नहीं है, हर दिन इस तरह की दर्जनों घटनाएं होती हैं। इसीलिए आजकल अंधाधुंध फोन करने वालों के बीच एक जुमला बड़ा मशहूर हो गया है- “डायल ए फॉर एक्सीडेंट्स’। यह अक्सर गलती हो जाती है और इस गलती के बड़े-बड़े नुकसान उठाने पड़ जाते हैं। कइयों की नौकरी छूट गई है, कइयों की फ्रेंडशिप में दरार आ गई है और विदेशों में तो इस तरह के फोन बेवफाइयों का पर्दाफाश करने का बड़ा जरिया हैं। इस तरह की गलतियों से खुली पोल के चलते कइयों के तलाक हो चुके हैं।

रवि के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। मजाकिए स्वभाव का रवि अपने बॉस की नजरों में एक खुशमिजाज सहकर्मी था। उसे नहीं पता था कि रवि दूसरे लोगों की तरह उसका भी बेहद फूहड़ मजाक उड़ाता रहता है, वह भी दूसरे सहकर्मियों और अपने खास दोस्तों के बीच। एक दिन ऐन मीटिंग के दौरान ही रवि से वह गलती हो गई, जो उसकी नौकरी पर भारी पड़ी। बॉस कुछ समझा रहे थे और रवि ने हमेशा की तरह बॉस पर एक बेहद घटिया और गाली-गलौच भरा कमेंट टाइप किया और उसे मीटिंग के दौरान ही अपनी गर्लोंड को भेज दिया। लेकिन फिर वही गलती हुई। गर्लोंड की बजाय स्पीड डायल के जरिए गलती से नंबर बॉस का लग गया और वह फूहड़, हिकारत भरा तथा गाली-गलौच के फ्लेवर वाला अमेरिकी स्टाइल का मैसेज सीधे बॉस के पास पहुँच गया, जिस पर वह भद्दा कमेंट किया गया था।

इस किस्म का बेहूदा एसएमएस पाकर बॉस सकते में आ गया। कुछ देर तक तो उसे यकीन ही नहीं हुआ कि जिस रवि को वह महज हंसी-मजाक करने वाला एक खुशमिजाज सहकर्मी मानता है, वह उसके सामने बैठे हुए भी उसके बारे में कितनी फूहड़ और बेहूदा टिप्पणी कर सकता है। बहरहाल, मीटिंग के बीच बॉस ने अपना आपा नहीं खोया, क्योंकि वह दूसरे लोगों के बीच अपने आपको तमाशा नहीं बनाना चाहता था। लेकिन इस बदमिजाज एसएमएस के बाद देर तक बॉस की मीटिंग नहीं चल सकी। अपने गुस्से को जज्ब किए बॉस ने बस अगले एक मिनट के अंदर मीटिंग ओवर की और बाकी लोगों के साथ जाने से रवि को रोक लिया। कमरे से जैसे ही बाकी लोग बाहर निकले कि बॉस का गुस्सा फूट पड़ा। अब हैरान होने की बारी रवि की थी कि हमेशा उस पर मेहरबान रहने वाले बॉस आज आखिर इस कदर फूट क्यों पड़े? मगर यह देर तक रहस्य नहीं रहा। बॉस ने उसका भेजा हुआ एसएमएस उसके ही सामने कर दिया तो रवि के ऊपर मानो घड़ों ठंडा पानी पड़ गया हो। लेकिन नुकसान हो चुका था। अगले दिन उसे अपना हिसाब लेकर नौकरी से हाथ धोना पड़ा।

इस तरह के दर्जनों मामले हो चुके हैं। मोबाइल की स्पीड डायल सुविधा सैकड़ों लोगों के लिए आफत का सबब बन चुकी है। सवाल उठता है ऐसे में जब फोन करें तो क्या सावधानी बरतें कि इस तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े? सबसे पहले तो आपको यह सावधानी बरतनी चाहिए कि आप यह सुनिश्र्चित करें कि आपका वॉइस मेल मैसेज कोई और सुन न सके। जिन लोगों के पास मौजूदा समय में टच-सीन फोन हैं, उनके लिए यह एक बड़ी समस्या है। इस समस्या से बचने के लिए अपने फोन के मैन्युअल को अच्छी तरीके से जानें। उसे एक्टिव करना और डी-एक्टिव करना आपको आना ही चाहिए, नहीं तो समस्या हो सकती है जैसे राघव के साथ हुई। वह अपनी गर्लोंड के साथ डेटिंग में था कि उसके एक फ्रेंड का वॉइस मेल मैसेज आ गया, जिसमें उसकी गर्लोंड को लेकर भद्दा-सा कमेंट किया गया था, वह भी काफी विस्तार में। राघव चाहकर भी इस वॉइसमेल मैसेज को बीच में रोक नहीं पाया, क्योंकि उसे ये पता ही नहीं था कि इसे स्टॉप कहां से करते हैं। नतीजतन, उसकी गर्लोंड ने उस पूरे मैसेज को सुन लिया और सन्न रह गई। इसके बाद वह एक मिनट के लिए भी नहीं रुकी और चली गई। इस तरह एक मैसेज ने एक दोस्त की उम्मीद को नेस्तनाबूद कर दिया।

ऐसे में सावधानी बरतें कि जब भी किसी से बात करें, इस बात का ध्यान रखें कि आपके फोन का की-पैड लॉक हो वरना धोखे से डैशबोर्ड में घूमी अंगुलियां आपकी हकीकत को कहीं से कहीं तक पहुंचा सकती हैं। कुल मिलाकर फोन जी का जंजाल न बने, इसके लिए इन बातों का ध्यान रखें-

– अपने फोन का मैन्युअल हर हाल में पढ़ें।

– स्पीड डायलिंग ऑप्शन को फोन से हटा दें।

– इसमें खतरे की आशंका हमेशा बनी रहती है। खासतौर पर तब जब कोई नंबर बार-बार दबाया जाता हो।

– हमेशा अपने फोन के की-पैड को लॉक रखें। इसके लिए आप फोन में अपने आप लॉक होने का ऑप्शन फिट कर सकते हैं।

– टच-सीन फोन को हमेशा मोबाइल कवर के अंदर रखें। सुनिश्र्चित करें कि धोखे से अंगुली छू जाने भर से किसी को कॉल नहीं होगी।

– अपने फोन की आवाज हमेशा धीमी या मद्घम रखें। यहां तक कि जब आपको अपने फोन से भाषण भी देना हो। आपके फोन से बस इतनी आवाज आनी चाहिए कि उसे सिर्फ आप सुन सकें।

– तमाम एक जैसे लोगों के संक्षिप्त नामों से भ्रम न पैदा हो, इसलिए फोन-बुक में सभी का पूरा नाम लिखें।

– शैलेंद्र सिंह

You must be logged in to post a comment Login