किसानों की आत्महत्या के पीछे कृषि के अलावा अन्य कारण भी

radha-mohan-singhसरकार ने आज बताया कि कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने के कारणों में रिण ग्रस्त होना, फसल न होना या खराब हो जाना, सूखा के अलावा प्रेम प्रसंग, विवाह न होना, बांझपन और नपुंसकता जैसे सामाजिक..आर्थिक एवं निजी कारण भी शामिल हैं।

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने आज राज्यसभा को यह जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों के आत्महत्या के कारणों में रिण ग्रस्त होना, फसल न होना या खराब हो जाना, सूखा आदि तो हैं ही, साथ ही पारिवारिक समस्याएं, बीमारी, नशे की लत, बेरोजगारी, संपत्ति विवाद, व्यवसायिक या रोजगार संबंधी समस्या, प्रेम प्रसंग के मामले, बांझपन एवं नपुंसकता, विवाह न होना या विवाह विच्छेद, दहेज समस्या, सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आदि कारण भी उनकी आत्महत्या से जुड़े हैं।

एक प्रश्न के लिखित उत्तर में राधा मोहन सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2012 में कृषि से जुड़े 13,754 लोगों ने आत्महत्या की वहीं वर्ष 2013 में 11,772 और 2014 में 5650 लोगों ने आत्महत्या की। वर्ष 2014 में महाराष्ट्र में सर्वाधिक 2568 किसानों ने आत्महत्या की।

उन्होंने बताया कि राज्य सरकारों से मिली सूचना के अनुसार, कृषि कारणों से आत्महत्या करने वाले किसानों की संख्या वर्ष 2012 में 1066, वर्ष 2013 में 890, वर्ष 2014 में 1400 और जून 2015 तक 263 रही है। वर्ष 2015 में जून तक महाराष्ट्र में सर्वाधिक 257 किसानों ने आत्महत्या की, पंजाब में पांच और राजस्थान में एक किसान ने आत्महत्या की।

You must be logged in to post a comment Login