गिलहरी रानी बड़ी सयानी!

 

गिलहरियों को हमेशा ऐसा महसूस होता है कि कोई उन्हें देख रहा है। यह बात तब उजागर होती है जब वे अपना बचा-खुचा भोजन छुपाती हैं। क्योंकि जब वे अपना भोजन छुपाती हैं तो कई बार सिर्फ छुपाने का नाटक करती हैं। ऐसा क्यों करती हैं वे?

‘‘गिलहरियाँ जब भी अपना भोजन छुपाती हैं, तो हर बार अलग-अलग जगहों पर गड्ढा खोदती हैं। मगर कई बार तो वे यह सब नाटक के तौर पर करती हैं लगभग 20 प्रतिशत,’’ यह कहना है माइकल स्टेली का।

गिलहरियाँ जमीन में गड्ढा खोदती हैं जो कि भोजन छुपाने के लिए होता है। भोजन रखने के बाद वे गड्ढे को मिट्टी या पत्तों से ढंक देती हैं। वे ऐसा इसलिए करती हैं कि कहीं कोई उनका भोजन चुरा न ले।

रोचक बात यह है कि कई बार उन गड्ढों में कुछ नहीं होता है। यानी गिलहरी गड्ढा खोदती है, उसमें कुछ रखने का नाटक करती है, और उसे मिट्टी-पत्तों से ढंक भी देती हैं।

गिलहरियाँ इस प्रकार की प्रिाया बेवकूफ बनाने के लिए करती हैं। स्टेली का विचार है कि गिलहरी को लगता है कि भोजन छुपाते समय कोई उन्हें देख लेगा। इसलिए वे देखने वाले का ध्यान बंटाने के लिए एक नहीं कई जगह भोजन छुपाने का नाटक करती हैं। इस प्रिाया को समझने के लिए स्टेली और उनकी टीम ने गिलहरियों पर निगरानी करना शुरू की। उन्होंने बताया कि जब टीम के द्वारा गिलहरियों पर निगरानी की गई तब देखा कि गिलहरियों का यह खेल और अधिक बढ़ गया। वह शायद इसलिए क्योंकि उन्हें ऐसा लग रहा था कि कोई उन्हें देख रहा है और उनका भोजन चोरी हो जाएगा।

गिलहरियों पर शोध कर रही एक अन्य जीव वैज्ञानिक लिसा लीवर का कहना है कि इस अवलोकन से लगता है कि गिलहरियों के पास ‘सोचने की शक्ति’ और ‘अस्तित्व का भान’ करने की दक्षता होती है। वे कहती हैं कि यह कहना जल्दबाजी होगी, लेकिन ऐसा हो सकता है।

 

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