ना ही मिले रे भाई, नाही मिले रे, भाई रे, रंग मांही रंग मिल जाय भजन

ना ही मिले रे भाई, नाही मिले रे, भाई रे, रंग मांही रंग मिल जाय
गुनां री जोडी नाही मिले॥ टेर ॥
कागा कोयल एक ही रंग है, बैठा एक ही डाल।
कागो बोले बेसुरो रे, कोयल शब्द सुनाय॥ 1 ॥
हँसा बगुला एक ही रंग है, बैठा एक ही पाल।
बगुलो तो मच्छियाँ गटकावे, हँसा मोतीडा चुग जाय.। 2 ॥
हल्दी केसर एक ही रंग है, बिक रही एक बाजार।
हल्दी तो सागां में सिजे, केसर तिलक लगाय॥ 3 ॥
डोली अर्थी एक ही रंग है, दोनूँ एक समान।
डोली तो महलां में जावे, अर्थी शमशाना मांही जाय॥ 4 ॥
साँझ और भोर एक ही रंग है, दोनूं एक समान।
साँझडली नींदडली लावे, भोर हुए जग जाग॥ 5 ॥
सत् ज तम गुण तीन है, तीनों लो पहचान।
कहत कबीर सुनो भई साधु, जानें सो सँत सुजान॥ 6 ॥

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