एक अरज मेरी सुनलो दिलदार है कन्हैया भजन

एक अरज मेरी सुनलो दिलदार है कन्हैया।
कर दो अधम की नैय्याँ, भव पार है कन्हैया॥ टेर ॥
अच्छा हुँ या बुरा हुँ, पर दास हुँ तुम्हारा।
जीवन का मेरे तुम पर भवभार है कन्हैया॥ 1 ॥
तुम हो अधमजनों का उद्धार करने वाले।
मैं हूँ अधमजनों का, सरदार है कन्हैया॥ 2 ॥
करुणा निधान करुणा, करनी पडेगी तुमको।
वरना ये नाम होगा, बेकार है कन्हैया॥ 3 ॥
ख्वाहिश ये है कि मुझको दृग बिन्दू रत्न लेकर।
बदले में दे दो अपना, कुछ प्यार है कन्हैया॥ 4 ॥

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