ओ बापजी घर तँवरारे आण फिराई भजन

(टेर) सामलोनी अर्ज सायल साधारी आरोधे
आसान किया निकंलग नाथ जुगो जुग तारण
ओ बापजी घर तँवरारे आण फिराई
भक्ति बस भगरान हूयाँ
घर अजमलरे आप पधारिया
नर निंकलग अवतार लिया
ओ बापजी भली हल भाण पिछम घर भलकीया
पोकरनी निशान घुरीया
कर्ण अकर्ण नाथ अन नाथन
आसन सिंहासन उतरीया
ओं बापजी हेलो म्हारे सम्मालो रावला
रघुपत राकक्ष रंग में कुरंग किया
छिन्न छिन्न रामाम्होर आप पधारीया
कला चतुरतीज तेज किया
ओ बापजी पुत्र नहीं जाने पुत्र बगसीया
निर्धनीया ने धनदिया
भक्ता री साथ करी सिद्ध रामा
गिनत नहीं जाने बडा किया
ओ बापजी मुवा बाछडा धेनु मिलाई
लुण पलट धणी शंकर किया
बाई बदमत रो बालो बगसीयो
घर घर में धणी पर्चा दिया
ओ बापजी समंद बिलोयों बासक नेतन
सामर समूंद सुअडी किया
उड़ उड़ मच्छीया पड़ी पवता
जद म्हारो सायबो धमछ किया
ओ बापजी एक भक्त प्रलाद कारणे
भुमण्डल थल झेर किया
तपीया ताप झाल पर झाला
ब्रह्मा शंकर खड़ भड़ीया
ओ बापजी डूबे म्हारी डूबे म्हारी जहाज
राखलो जुग में
आप देखता कईयों धणी
रूणेचासु रामा पीर पधारिया
पात पात में पँगटीया
ओ बापजी कोडीयारा धणी कंलग जाडीया
पागलीया ने पाव दिया
बगसोजी भजे अलंक अजमालरा
जनम जनम रामा पीर मिलीया

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