कानितकर ने क्रिकेट से संन्यास लिया

hrishikesh-kanitkar-retirementपूर्व भारतीय खिलाड़ी रिषीकेश कानितकर ने निकट भविष्य में अपने कोचिंग कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए क्रिकेट करियर से संन्यास ले लिया। इस 40 वर्षीय बायें हाथ के बल्लेबाज और कामचलाउ आफ स्पिनर कानितकर ने कल बीसीसीआई को अपने इस फैसले की जानकारी दी।
अपने तीन साल के अंतरराष्ट्रीय करियर में कानितकर ने दो टेस्ट और 34 एकदिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया । कानितकर को ढाका में 1998 में पाकिस्तान के खिलाफ स्कलैन मुश्ताक की गेंद पर चौका मार कर भारत को जीत दिलाने के लिए याद रखा जायेगा। पुणे में जन्में कानितकर ने अंतिम बार दिसंबर 2013 में राजस्थान के तरफ से खेला था। क्षेत्ररक्षण में आ रही समस्या को उन्होंने इस निर्णय का प्रमुख कारण बताया। ‘इएसपीएन क्रिकइंफो’ के हवाले से कानितकर ने कहा है ‘‘बल्लेबाजी के लिए आज भी वही जुनून है लेकिन लंबे समय तक यहां तक की एक मैच में भी मैदान में क्षेत्ररक्षण करने में समस्या आ रही थी।’’ भारतीय टीम में वर्ष 2000 में अपना स्थान गंवाने के बाद कानितकर घरेलू क्रिकेट में एक शीर्ष खिलाड़ी के रूप में उभरे और रणजी ट्राफी में 8000 से अधिक रन बनाने वाले मात्र तीन खिलाड़ियों में वह शामिल हैं। रणजी में कानितकर के नाम पर 28 शतक हैं । कानितकर का ध्यान अब कोचिंग पर है और यही कारण है कि उन्होंने अंडर 19 खिलाड़ियों के लिए हाल में बीसीसीआई के पूर्वी क्षेत्र स्थानीय शिविर का संचालन किया था।

You must be logged in to post a comment Login