कौन-सा स्विच बल्ब जलाता है?

“बाबा, यह आप स्विच बोर्ड क्यों लिए बैठे हैं?’

“एक सवाल तैयार किया है।’

“कैसा सवाल?’

“इस स्विच बोर्ड में मैंने तीन स्विच लगाये हैं जैसा कि तुम देख रही हो।’

“ठीक है।’

“लेकिन इनमें से सिर्फ एक ही काम करता है। जो स्विच काम करता है, उससे तहखाने में फिट किया गया बल्ब जलता है। आपको यह बताना है कि इन तीनों स्विचों में से कौन-सा स्विच तहखाने का बल्ब जलाता है।’

“इसमें क्या मुश्किल है। एक स्विच ऑन करो और जाकर तहखाने में देख आओ और अगर उससे नहीं जलता तो फिर यही काम दूसरे स्विच के साथ करो।’

“नहीं, ऐसा नहीं करना है। सवाल की कुछ शर्तें भी हैं। आपको तहखाने में सिर्फ एक बार ही जाना है।’

“बाबा, आप पूरे सवाल को ़जरा एक बार फिर दोहरा दीजिए।’

“मेरे पास स्विचबोर्ड है जिसमें तीन स्विच हैं। इनमें से सिर्फ एक ही काम करता है और उससे तहखाने में लगा बल्ब जलता है। ़जाहिर है, यहां से तहखाने का बल्ब दिखायी नहीं देता और वह जलने पर आवा़ज भी नहीं करता है। लेकिन जॉंच करने के लिए आप तहखाने में सिर्फ एक बार जा सकती हो। अब आपको यह बताना है कि कौन-सा स्विच तहखाने का बल्ब जलाता है?’

“यह तो किस्मत का सवाल है। एक स्विच ऑन करके तहखाने में जाकर देख लिया जाये, अगर किस्मत से वही स्विच हुआ तो बहुत अच्छा वरना बाकी बचे दो स्विचों में टॉस करके अपनी किस्मत को आजमा लिया जाये।’

“मकदूर अगर दवा का नहीं तो दुआ ही कर

किस्मत का आसरा तो कोई आसरा नहीं।’

“मकदूर के मायने?’

“सामर्थ्य या हैसियत।’

“यानी इस प्रश्न का हल है।’

“जी।’

“लेकिन मेरी समझ से बाहर का है। आप ही बतायें।’

“अपनी मर्जी से किसी भी एक स्विच को ऑन कर दें। 5-10 मिनट तक रुकें ताकि बल्ब गर्म हो जाये। फिर उस स्विच को ऑफ कर दें और दूसरे को ऑन करके, नीचे तहखाने में लाइट की जॉंच करने के लिए जायें। अगर बल्ब बंद और गर्म है तो जो स्विच पहले ऑन किया था वह काम करता है। अगर बल्ब ऑन है तो दूसरा स्विच काम करता है और अगर वह ठंडा और बंद है तो आखिरी स्विच काम करता है।’

“आप सही हैं बाबा! मेरी किस्मत वाली बात

गलत थी।’

“कोशिश और हिम्मत से सब ची़ज मुमकिन है, सिर्फ कम़जोर लोग ही किस्मत का सहारा लेते हैं।’

– कुंवर चांद खां

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