जीवन में

जीवन में

ऐसे अवसर भी

आते हैं

जब अपने को

अकेला और असहाय

पाते हैं

तब सहायता

के लिए

चारों ओर देखते हैं

लेकिन लोग हमें शंका भरी

ऩजरों से देखते हैं

इस तरह हताशा के

गहरे अंधेरे में

खो जाते हैं

पर यह अंधेरे

अधिक समय तक

टिक नहीं पाते

उस व़क्त हमें

चारों ओर देखना

बंद कर देना चाहिए

पहचान करनी चाहिए

अपने भीतर छिपी

अदृश्य अदम्य

साहस की

छिपी रहती है वहां

स्वयं को बदलने की

और दुनियां को

रौशन करने की

लेकिन इसके लिए

स्वयं को एक लम्बे

समय की आवश्यकता होती है।

 

– अमृत लाल चावड़ा

 

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