तलाश मो़जे व दस्ताने की

 

एक दिन बाबा के पास एक बैग था जिसमें कुछ सामान था। मैंने बाबा से मालूम किया, “बाबा, आपके बैग में क्या है?’

“मोजे और दस्ताने हैं।’

“किसलिए?’

“आपको देने के लिए।’

“तो दीजिए।’

“लेकिन पहले मेरे एक सवाल का ़जवाब दीजिए।’

“आप सवाल पूछिए?”

“मेरे इस बैग में दस जोड़ी गाउन और दस जोड़ी काले मोजे हैं। इसके अलावा इतनी ही संख्या में ब्राउन और ब्लैक दस्ताने हैं। प्रश्न यह है कि एक जोड़ी मोजे और एक जोड़ी दस्ताने, जाहिर है एक ही रंग के, निकालने के लिए मुझे बैग से कितने मोजे और कितने दस्ताने निकालने होंगे?

“इसमें क्या है, सबको एक साथ निकाल लीजिए। उसमें से छांट लेंगे।’

“नहीं, इससे फिर आपके दिमाग की कसरत कैसे होगी।”

“अच्छा, आपके बैग में क्या-क्या है?’

“दस जोड़ी ब्राउन मोजे। दस जोड़ी काले मोजे।और दस जोड़ी ब्राउन दस्ताने।’

“और?’

“दस जोड़ी काले दस्ताने और इनमें से एक जोड़ी मोजे और एक जोड़ी दस्ताने एक ही रंग के निकालने हैं।’

“इसके लिए मुझे यह बताना है कि बैग से कितने मोजे और कितने दस्ताने निकाले जाएं? यह तो बहुत आसान है।’

“तो बताओ?’

“तीन मोजे निकाल लीजिए क्योंकि “उनमें से दो तो हमेशा एक ही रंग के होंगे।’

“यह बात तो सही है, लेकिन दस्तानों के बारे में बात इतनी आसान नहीं है। क्योंकि दस्ताने न सिर्फ रंग में भिन्न हैं बल्कि सीधे और उल्टे का उनमें फर्क भी है।’

“हां, यह बात तो है।’

“तो फिर एक जोड़ी दस्ताने एक ही रंग के निकालने के लिए कितने दस्ताने निकालने होंगे?’

“बीस।’

“नहीं, अगर आप बीस या उससे कम निकालेंगी तो वह एक ही हाथ के हो सकते हैं। मसलन, उल्टे हाथ के दस ब्राउन और दस ब्लैक।’

“तो हमें कम से कम 21 दस्ताने निकालने होंगे।’

“बिल्कुल सही।’

“तो मेरा इनाम।’

“अभी देते हैं।’

– कुंवर चांद खां

You must be logged in to post a comment Login