रिम झिम बाजे गुगरा धाडो रा बाजे पोट रे भजन

रिम झिम बाजे गुगरा धाडो रा बाजे पोट रे
लिले री पोटा सू धरती धुजे रे
बाल पना में मिल्यापीरजी करीया
बड़ा हशियार रे
धाल पना में मिल्या सू धो को बागे
कह गया मन री बात रे
बुढापा में भरे मिल्या माथे धरीयो हाथरे
हाथ धरो तो ऐसा धरजो, मति छोडो महाराज रे
नौपत बाजा ध्वजा परके धणीया रे दरवार रे
गुगल धूप धणीया आगे केवा नहीं भूलू महाराजा रे
वमोतारा लेकलिखीमोडा धणीया लिना बाचरे
जीवन दासरी बीनती सूनली जो महाराज रे

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