संगीत मेरा जीवन है

फिल्मों में बतौर बाल कलाकार दिखाई देने वाले और अब गायकी के बाद जी टीवी के चर्चित संगीत शो सारेगामा की अगली कड़ी में शान और सोनू निगम जैसे गायकों की बतौर एंकर-जगह लेने वाले 21 साल के आदित्य नारायण का मानना है कि अब उनके लिए खुद को साबित करने का समय आ गया है। यह उनकी शुरुआत है और संगीत की दुनिया के महारथियों के बीच काम करना उनके लिए आसान नहीं है। पिछले साल जब वे सारेगामा के नए एंकर के रूप में सामने आए तो लोग चौंके लेकिन शान के बाद वे इस शो के सबसे लोकप्रिय एंकर्स में गिने गए और इस बार वे दूसरी नहीं बल्कि तीसरी बार फिर इस शो के एंकर हैं। तीसरी बार इसलिए कि वे बीच में इसी शो के बाल संस्करण लिटिल चैंप के एंकर भी रहे हैं।

सुना है पिछले शो के दौरान आपके पिता उदित नारायण जावेद साहब की आपके बारे में की गई टिप्पणी से खासे नारा़ज हैं?

मालूम नहीं, आपको यह खबर कहॉं से मिली? वे दोनों इंडियन आयडल में जज की भूमिका में थे।

यह शो इससे पहले शान और सोनू निगम होस्ट कर चुके हैं और आप भी तीसरी बार सामने हैं?

यही तो मेरे लिए चुनौती है कि मैं उनकी उसी गरिमा और शो की पहचान को बनाए रखूं।

जी ने इतनी बड़ी जिम्मेदारी आपको दी है? क्या तैयारी है?

नहीं बता सकता। मैं तो लंदन में समकालीन संगीत की शिक्षा पूरी करके भारत लौटा था और अपनी आगे की पढ़ाई पूरी कर रहा हूँ। मुझे जी ने कहा कि आप हमारे इस शो को होस्ट करें, पर जैसे बाकी के लोग इसके एंकर के लिए ऑडिशन और सीन टेस्ट के लिए गए थे मैं भी गया था। यह अलग बात है कि मेरा चुनाव हो गया। मैं इसे बड़ी उपलब्धि भी मानता हूँ। श्रेया घोशाल, कुणाल गांजावाला और सोनू निगम जैसे लोग इसी शो की देन हैं।

लंदन में आपने क्या सीखा?

मेरी संगीत की असली शिक्षा तो भारत में ही हो गई थी। मेरे पापा ही मेरे सबसे बड़े शिक्षक हैं, लेकिन वे चाहते थे कि मैं विश्र्व के हर संगीत के बारे में जानूं। इसलिए मैंने वहॉं पश्र्चिमी संगीत की शिक्षा ली। मेरे पास वहॉं की तीन-तीन परीक्षाएं पास करने की डिग्री हैं।

शो में आप जिन जजों के साथ काम कर रहे हैं, वे संगीत के महारथी हैं?

जानता हूँ। पर मैंने इसके लिए तैयारी की हुई है कि मैं कोई ऐसी गलती ना करूं जो मुझे उनके सामने प्रश्र्न्नों के घेरे में खड़ा करे। शंकर महादेवन, आदेश श्रीवास्तव और हिमेश जी मेरे आदर्शों में शामिल हैं।

आपको हमारी फिल्म इंडस्टी कैसे देख रही है?

मैं तो बस इतना जानता हूँ कि मैं पार्श्र्व गायक बनना चाहता हूँ, पर अभी मैं इसके तैयार नहीं हूँ। मेरे पास फिल्मों में गाने के ढेरों प्रस्ताव हैं। मैंने कुछ फिल्मों में गाने गाए हैं लेकिन मैं जानता हूँ कि अभी मेरा फिल्मों में गायकी का समय शुरू नहीं हुआ है। वहॉं अभी भी मुझसे बेहतर गायक मौजूद हैं। फिलहाल मैं अपनी साहित्य की पढ़ाई पूरी करना चाहता हूँ। मुझे लगता है सारेगामा मेरे लिए एक ऐसा मंच भी है, जहॉं मैं लोगों के सामने पहले खुद को साबित कर सकता हूँ।

आप यह शो पहले भी देखते रहे हैं। यह अलग कैसे है?

सबसे बड़ी बात है कि पहले यह सिर्फ भारतीयों के लिए था, पर अब यह पूरी दुनिया का शो बन चुका है। इसमें पाकिस्तान,लंदन, अमेरिका और दक्षिण आीका तक से लोग शामिल हो रहे हैं।

आपके पिता की आपकी एंकरिंग पर क्या प्रतििाया है?

वे काफी खुश हैं। यदि कोई और शो होता तो शायद वे इसकी इजाजत नहीं देते। उनका मानना है कि आजकल जो एंकर शो होस्ट कर रहे हैं वे संगीत की जानकारी नहीं रखते, पर यह शो ऐसा नहीं है।

आपको अपने पिता की तरह जजिंग का प्रस्ताव नहीं मिला। यदि मिले तो कैसे जज होंगे आप?

एकदम ईमानदार और निष्पक्ष

लेकिन कई बार शो में जब स्थिति काबू से बाहर हो जाती है तो आप उसे काबू करने के लिए क्या तैयारी करते हैं?

शो में शामिल सारे जज मेरे पिता की उम्र के हैं। हिमेश मेरे प्रेरणा तत्व हैं, लेकिन फिर भी यदि कोई ऐसी स्थिति आएगी जब शो बिगड़ने लगेगा तो मैं अपनी रचनात्मकता और व्यवहार से उन्हें संभालने की कोशिश करूंगा।

आपने अपने कॅरियर के बारे में कुछ तय किया है?

नहीं। मैंने अपनी शुरुआत चार साल की उम्र में नेपाली फिल्म मोहोनी से की थी। उसके बाद अकेले हम अकेले तुम, परदेश और जब प्यार किसी से होता है जैसी फिल्मों में काम किया लेकिन कभी नहीं सोचा कि अभिनेता बनूंगा। हॉं, गायकी मेरा मिशन है।

आइफा की एंकरिंग इसी का हिस्सा है?

शायद पर मेरे लिए ये अनुभव चौंकाने वाले हैं। मैं अभी इतना बड़ा नहीं कि इस ऊँचाई पर जा सकूं। यह मेरे माता पिता की मेहनत और ऊपर वाले का आशीर्वाद है।

आपकी आने वाली फिल्में कौन सी हैं?

एक फिल्म यशराज बैनर के साथ है और एक थर्टीन नाम से आएगी। इसके अलावा हाल ही में विाम भट्ट की एक फिल्म भी साइन की है, पर इसके बारे में मैं अभी आपको पूरी तरह नहीं बता सकता।

 

– आदित्य नारायण

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