सोनी द्वारका सु कष्ण पधारीया भजन

सोनी द्वारका सु कष्ण पधारीया
पीगा माही पोढाणी
आंगन में कुंकु रा पगीलया मटका में
दूीध भरानी
ध्वजा बन्द थारी सुरल पे कुरबानी
थारी जुग में ज्योत सवानी
ध्वजा बन्द थारी सुरल पे कुखानी
दादा रण सिंहजी पिता अजमालजी
मेणादे गोद खेलानी
बिरम देव थारा भाई कहिजे
गढ़ नेतल दे रानी
गुरु बालिनाथ ज्योदा रा चेला
अंग पर गुदड़ ओढ़ाणी
हाय हाय कर आया भुलड़ो
ज्याने मार हटानी
गुरु जैनारायण जी सेवा में
साचा मेवा पुष्प चढ़ानी
पुसाराम चरणा रो चाकर
अर्जी रामुरी सुनानी

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