ताकि बची रहे धरती बचा रहे जीवन!

ताकि बची रहे धरती बचा रहे जीवन!

अखबारों, टेलीविजन और पर्यावरण से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं द्वारा लगातार ग्लोबल वार्मिंग पर चिंता जतायी जा रही है। ग्लोबल वार्मिंग को लेकर हम सभी चिंतित भी हैं। लेकिन क्या हमारी चिंता सिर्फ दिखावे भर की है? क्योंकि हमारे द्वारा लगातार पर्यावरण को बिगाड़ा जा रहा है। अब समय आ गया है और हमें अपने पर्यावरण […]

गुस्ताव की गुस्ताखी का कुसूखार कौन

कैरोबियाई देशों में तबाही मचाने के बाद अब समुद्री तूफान गुस्ताव अमेरिका के लिए दहशत बना हुआ है। गुस्ताव को तूफानों का बाप कहा जा रहा है। मौसम विज्ञानी भी इसकी भयावहता से हैरान हैं। वैसे यह कोई पहला मौका नहीं है, जब समुद्र से तबाही की खौफनाक तस्वीर सामने आई हो। बीते दिनों म्यांमार […]

वाराणसी में साफ-सुथरी गंगा की नई उम्मीद

वाराणसी में साफ-सुथरी गंगा की नई उम्मीद

वाराणसी, गंगा किनारे का ऐसा शहर है जिसका इतिहास बहुत प्राचीन है, जिसकी संस्कृति बहुत समृद्घ है, और जो करोड़ों लोगों की श्रद्घा का केंद्र है। यहॉं गंगा नदी के घाट लगभग 7 कि.मी. तक फैले हुए हैं जहॉं किसी भी सामान्य दिन लगभग साठ ह़जार लोग श्रद्घा से स्नान करते हैं। विशेष त्यौहार-पर्व में […]

तारा नष्ट होते देखा गया

संयोग तो संयोग होता है। एक तारा नष्ट हो और आपकी आँखें ठीक उसी समय आसमान के उसी हिस्से पर गड़ी हों, इससे बड़ा संयोग क्या होगा। हाल ही में कुछ वैज्ञानिकों के साथ ऐसा ही संयोग हुआ। आमतौर पर बड़े-बड़े तारों की मृत्यु तब होती है, जब उनके केंद्रीय भाग में उपस्थित ईंधन चुक […]

क्यों होता है समंदर का पानी नमकीन?

चाहे बरसात का हो या कोई और पानी, सभी में एक खास प्रकार का नमक मौजूद होता है। पानी सादा है या नमकीन, यह हमारे स्वाद करने की क्षमता पर निर्भर करता है, जिसके लिए हमारे टेस्ट बड्स जिम्मेदार होते हैं। तुम अपने घर में रखे फिल्टर से तीन गिलास पानी लो। एक का स्वाद […]

हिमालय पर आज भी है कस्तूरी मृग

एशिया के वनाच्छादित पर्वतों में कभी सैकड़ों कस्तूरी मृग हुआ करते थे। अफगानिस्तान, भूटान, बर्मा, चीन, भारत, कोरिया, पाकिस्तान, रूस एवं भारत में हिमालय पर्वत पर कस्तूरी मृगों की पॉंच प्रजातियॉं अब भी अस्तित्व में हैं। कस्तूरी मृग के बारे में शायद बहुत कम लोगों को जानकारी होगी कि वह वास्तव में हिरण परिवार का […]

उजड़ते वन और छीजता पर्यावरण

वन किसी भी देश की अनमोल संपदा तथा पर्यावरण का एक प्रमुख अंग होते हैं। लेकिन आज इनका विनाश एक प्रमुख पर्यावरणीय समस्या बना हुआ है। यह समस्या पेड़ों की अनियंत्रित कटाई, अधिक चारागाह, बढ़ती जनसंख्या व बढ़ते शहरीकरण के चलते वनों के अधिक उपयोग से उत्पन्न हुई है। वनों से न सिर्फ अऩगिनत उपयोगी […]

भूजल संरक्षण हेतु जन-जागरण जरूरी

जल संकट देश ही नहीं, समूचे विश्र्व की गंभीर समस्या है। विशेषज्ञों की राय है कि वर्षा जल संरक्षण को बढ़ावा देकर गिरते भूजल स्तर को रोका जा सकता है और उचित जल-प्रबंधन से सबको शुद्घ पेयजल मुहैया कराया जा सकता है। उनका मानना है कि यही टिकाऊ विकास का आधार हो सकता है। इसमें […]

नदियों की बिक्री

नदियों की बिक्री

देश में बढ़ती आबादी और जीवन शैली में बदलाव के साथ-साथ पानी की मांग बढ़ती ही जा रही है। क्या उद्योग, क्या कृषि, क्या घरेलू कार्य, सभी के लिए पानी की आवश्यकता तेज़ी से बढ़ रही है। बढ़ती मांग और स्थिर आपूर्ति की पृष्ठभूमि में उपलब्ध जल स्रोतों पर कब्जे के लिए राज्यों, शहरी एवं […]

विश्व की चुनौती है धरती का बुखार

संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून का कहना है, “आज ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु में बदलाव ने हमें विनाश के मुहाने पर ला खड़ा किया है।’ इसमें दो राय नहीं कि इसके लिए वास्तव में हम ही जिम्मेदार हैं। लेकिन विडम्बना यह है कि इसके भयावह खतरे को हम गंभीरता से समझ नहीं पा रहे […]