विन्सेंट वान गॉग

महान प्रभाववादी चित्रकार विन्सेंट वान गॉग की कारुणिक जीवन कथा कुछ-कुछ वैसी ही है जैसे हमारे महान प्रगतिशील कवि गजानन माधव मुक्तिबोध की थी। प्रगतिशीलता के शिखर कवि माने गये मुक्तिबोध की कोई भी किताब उनके जीवित रहते नहीं छपी थी। अभाव और अप्रसिद्घि के इसी बियाबान से वान गॉग को भी गुजरना पड़ा था। […]

सावरकर जी का स्वतंत्रता – संघर्ष

18 मई, 1883 को जन्मे विनायक सावरकर आगे चलकर हजारों क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणास्रोत बने। भारत वर्ष ने उन्हें “स्वातंत्र्यवीर’ की उपाधि से विभूषित किया। चाफेकर बंधुओं को जब फॉंसी की सजा सुनाई गई, तब विनायक के मन में भी क्रांति की चिनगारियॉं उठने लगीं। पूना के फर्ग्युसन कॉलेज से ही उन्होंने अपने साथी बनाने […]

अंतरिक्ष यात्रा के प्रवर्तक त्सिओल्कोव्स्की

पिछले 100 साल के दौरान रूस राजनीतिक, वैज्ञानिक, प्रौद्योगिक और साहित्यिक दृष्टि से व्यापक परिवर्तनों के दौर से गुज़रा है। खासकर सोवियत संघ के अस्तित्व के दौरान उसने विभिन्न क्षेत्रों में कई उपलब्धियॉं हासिल कीं, हालॉंकि अमेरिका व यूरोप में इन्हें कोई खास महत्व नहीं दिया गया। शीतयुद्ध काल में तो सोवियत संघ और अमेरिका […]

न्यूटन – आधुनिक भौतिकी के जन्मदाता

आइजक न्यूटन दुनिया के सर्वकालिक महान वैज्ञानिकों में से एक हैं। हालांकि वह खासतौर पर अपने गति एवं गुरुत्वाकर्षण से संबंधित सार्वभौमिक नियमों के लिए जाने जाते हैं। मगर हकीकत यह है कि उनके चलते समूचा भौतिक विज्ञान उनके पहले और उनके बाद, इन दो हिस्सों में विभाजित है। न्यूटन आधुनिक भौतिकी के जन्मदाता हैं। […]

नेल्सन मंडेला – रंग भेदी विरोध के महान योद्धा

दक्षिण अफ्रीका के अश्वेतों में नेल्सन मंडेला को वही सम्मान हासिल है जो भारत में महात्मा गांधी को। गोरों के रंगभेदी अत्याचारों से पीड़ित अश्वेतों को बराबरी और सम्मान दिलाने का मंडेला ने जो अथक संघर्ष किया है, उसकी मिसाल राजनीतिक इतिहास में यदाकदा ही मिलती है। मंडेला का जन्म दक्षिण अफ्रीका के ट्रंसकेई राज्य […]

जानकी देवी का संकल्प

भारत के स्वाधीनता संग्राम के एक सुदृढ़ स्तंभ जमनालाल जी बजाज की पत्नी का नाम जानकी देवी था। जन्म से वे मारवाड़ी घराने की एक अपढ़, गहनों से लदी, परदे में रहने वाली, छुआछूत की भावना से ग्रस्त बालिका थीं, पर दैव ने उन्हें जमनालाल बजाज की वधू बना दिया। जमनालाल जी के आदेश पर […]

विद्यासागर की समाज को देन

ईश्र्वरचंद्र विद्यासागर (26 सितंबर, 1802-29 जुलाई, 1819) न केवल विद्या के सागर थे, बल्कि महान गुणों के धनी थे। विधवा विवाह का प्रचलन उस जमाने में करना एक बड़ा ही चुनौतीपूर्ण कार्य था। इसकी तैयारी करने के लिए उन्होंने संपूर्ण धर्मशास्त्रों का गहन मंथन किया, मनन किया तथा पाया कि विधवा-विवाह पूर्णतः धर्मसम्मत है। शास्त्रों […]

नैतिकता के प्रतिष्ठाता आचार्य श्री तुलसी

वसुन्धरा के विलक्षण महापुरुष थे आचार्य श्री तुलसी। वे मानवता के मसीहा थे। उनका प्रत्येक कार्य मानव कल्याण से जुड़ा हुआ था। उनका चिंतन और दृष्टिकोण साम्प्रदायिक संकीर्णताओं से ऊपर था। बिहार की पदयात्रा में किसी व्यक्ति ने उनसे पूछा, “”आप हिन्दू हैं या मुसलमान?” उत्तर में संत श्री तुलसी ने कहा, “”मेरे सिर में […]

शाहबाज़ शरीफ – छोटे मियॉं सुभान अल्लाह!

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ के छोटे भाई शाहबाज शरीफ को पाक-राजनीति का “टारजन’ कहा जाता है। वह पाक अवाम में कम बोलकर अधिक काम करने वाले व्यक्तित्व की छवि रखते हैं। एक अच्छे प्रशासक हैं, काम को करने के विशिष्ट अंदाज के साथ ही उन्हें समस्याओं को सुलझाने में जैसे महारत हासिल है। […]

टेसी थॉमस – आग्न पुत्री की ऊँची छलांग

देश के विभिन्न क्षेत्रों में अपनी योग्यता, बौद्धिक क्षमता, परिश्रम व लगन की बदौलत भारतीय महिलाओं द्वारा अपनी विशिष्ट पहचान बनाने एवं उनका लोहा मनवाने के उपरांत अब देश की “रक्षा क्षमता’ जैसी अति महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील परियोजना की बागडोर एक 45 वर्षीया महिला वैज्ञानिक टेसी थामस को सौंपा जाना उनके साथ-साथ समूचे समाज के […]