गूगल से चुटकुलों तक

दुनिया के 43 करोड़ से अधिक लोगों की इंटरनेट तक पहुँच हो चुकी है। अमेरिका और कनाडा इसमें काफी आगे हैं। दुनिया में जितने भी लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं उसमें से 41 प्रतिशत तो सिर्फ इन्हीं देशों के हैं। यूरोपीय देशों में ब्रिटेन और जर्मनी इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले देशों में आगे […]

डिजिटल क्रांतिकारी का मूल आधार है माइक्रोचिप

कंप्यूटर को क्षमताओं के मामले में जादुई किसने बनाया? इस सवाल का एक ही जवाब है, “स्मॉल वंडर’ यानी माइक्रोचिप ने। अगर माइक्रोचिप का आविष्कार न हुआ होता तो न तो कंप्यूटर, टकों और घर के कमरे जैसे आकार से छोटा हो पाता और न ही इतना क्षमतावान कि उसे जादू का पिटारा समझा जाता। […]

भाई-बहन के नेह का पर्व रक्षा-बन्धन

रक्षा-बंधन श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाने वाला भाई-बहन के स्नेह का पर्व है। भारतीय-संस्कृति में प्रत्येक पर्व एवं त्योहार के पीछे कोई न कोई कथा अवश्य होती है। रक्षा-बंधन भी इससे अछूता नहीं है। कहा जाता है कि एक बार युधिष्ठिर ने सांसारिक संकटों से मुक्ति के लिए भगवान श्री कृष्ण से उपाय […]

अंग्रे़जी वर्चस्व के भाषाई संकट

अंग्रेजी वर्चस्व चाहे उसका विस्तार औपनिवेशिक साम्राज्यवादी नीतियों के लिए हुआ हो अथवा भू-मण्डलीकरण के बहाने बाजारवाद को बढ़ावा देने की दृष्टि से, विविधता को संकुचित करने और वर्गों के बीच भेद बढ़ाने की उसकी कुटिल भूमिका रही है। अंग्रेजी का साम्राज्यवादी विस्तार ब्रिटेन के रास्ते हुआ और अब आर्थिक विकास का मार्ग अमेरिका से […]

कैसे बनती है डबल रोटी?

आजकल विश्र्व के लगभग सारे देशों में डबलरोटी (ब्रेड) का उपयोग हो रहा है। लेकिन आधुनिक लोगों की पसंदीदा डबलरोटी आज से नहीं सदियों पहले से अस्तित्व में है। कहते हैं कि ईसा से 3000 वर्ष पहले मिस्र में डबल रोटी की शुरूआत हुई थी। वहां के लोग गुंधे हुए आटे में खमीर मिली टिकिया […]

बिच्छू का जहर कैंसर के निदान में

वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि बिच्छू के जहर में उपस्थित एक पदार्थ क्लोरोटॉक्सिन कैंसर कोशिकाओं की पहचान में मदद कर सकता है। यह खोज कैंसर उपचार में एक महत्वपूर्ण औजार साबित हो सकती है। आमतौर पर कैंसर की सर्जरी में सर्जन के सामने समस्या यह होती है कि कैंसर की कोशिकाओं को कैसे पहचानें। […]

वाराणसी नाम, अर्थ और इतिहास

यौगिक संज्ञा-पद “वाराणसी’ सम्प्रति नगर का नाम है। इसका तद्भव रूप “बनारस’ जिले का नाम है। यह तत्समीकरण आधुनिक है। डॉ. सम्पूर्णानन्द के प्रयत्न से 24 मई, 1956 में सांस्कृतिक पुनर्जागरण की प्रेरणा के क्रम में यह तत्समीकरण हुआ था। पहले नगर का भी नाम “बनारस’ ही था। नगर, जनपद या राज्य के रूप में […]

स्वयं से जुड़ने की कोशिश करो

ये विडंबना ही तो है कि व्यक्ति समाज से जुड़ता है, संसार से जुड़ता है। संबंधों के नित- नये आयाम रच लेता है, लेकिन अपने आप से दूर हो जाता है। अपने से टूट कर संसार से जुड़ने में भला कोई समझदारी है? सारा जीवन मरते रहे बाहरी दुनिया की चकाचौंध से भ्रमित हुए, उसके […]

बिल्लियों को पालतू कब बनाया गया?

दोस्तों, बिल्लियों के लाखों साल पुराने अवशेष पाए गए हैं। इससे जाहिर होता है कि वह बहुत ही लम्बे समय से इस धरती पर मौजूद हैं। लेकिन इससे एक सवाल यह उठता है कि बिल्लियों को पालतू कब बनाया गया? जिस पालतू बिल्ली को हम जानते हैं, वह जंगली बिल्ली की वंशज है। लेकिन कौन-सी […]

शरीर से बाहर निकल कर खुद का अवलोकन

यह अनुभव कई लोग बताते हैं कि उन्हें ऐसा लगा कि वे अपने शरीर से बाहर आ गए हैं और खुद अपने आपको देख रहे हैं। कई लोग यह दावा करते हैं कि किसी शल्य – क्रिया के दौरान उन्होंने अपना शरीर छोड़ दिया था और बाहर से सब कुछ देख रहे थे। मगर युनिवर्सिटी कॉलेज, […]