ज्ञान यज्ञ में चाहिए समर्पण की आहुति

भारत सनातनी संस्कृति का अनुपालक और आस्थावादी राष्ट्र है। यहां भूमि, जल, नदियां, वृक्ष, आकाश तथा सूर्य और चंद्र पूजे जाते हैं। यहां आस्था की पराकाष्ठा मूर्तिपूजा में देखने को मिलती है। वैसे तो सनातनी संस्कृति में 36 करोड़ देवता हैं, जिन्हें नित्य पूजा जाता है, बावजूद इसके भी यहां दो प्रमुख अवतार हुए हैं, […]

नीलकंठ महादेव मंदिर

भारत के पावन तीर्थों की श्रृंखला में हरिद्वार का अपना एक विशिष्ट स्थान है। पुण्य-सलिला भागीरथी अपने पूर्ण रूप में यहीं दृष्टिगोचर होती है। ऋषिकेश एवं लक्ष्मण झूला के मध्य गंगाजी के पूर्वी तट पर स्वर्गाश्रम है। इसी स्वर्गाश्रम के चंद्रकूट पर्वत के अग्नि पार्श्‍व में एक भव्य प्राचीन, विशाल शिव-स्थल है, जिसे नीलकंठ कहा […]

क्या है आस्तिकता

हम में से प्रत्येक को आस्तिक बनना चाहिए और इसके लिए नित्य नियमित रूप से उपासना की ाम-व्यवस्था दैनिक जीवन में रखनी चाहिए। एक परिपूर्ण व्यक्तित्व के रूप में ईश्‍वर की किसी छवि का ध्यान करें, उसके गुणों का चिंतन करें और उसी में तन्मय हो जाएं, उसे अपने में धारण करने की भावना करें। […]

पितृ-प्रकोप निवारण एवं शांति हेतु शनि अमावस्या पर विशेष नान्दी-श्राद्ध

भारतीय संस्कृति एवं पुराणों में तिथियों एवं वारों का विशेष महत्व है। इनमें साधक पूजा व दान करके अक्षयफल प्राप्त करता है। सोमवती अमावस्या, शनि अमावस्या, सोम प्रदोष, शनि प्रदोष, अगार की चतुर्थी, बुधाष्टमी, सूर्य सप्तमी आदि तिथियों का आना विशिष्ट-योग माना जाता है, जो संयोगवश ही आती हैं। धार्मिक अनुष्ठानों एवं शुभ कार्यों में […]

देव उठनी ग्यारस

देव उठनी ग्यारस

देव उठनी एकादशी प्रबोधनी ग्यारस तुलसी विवाह महत्व एवम पूजा विधि कार्तिक सुदी ग्यारस को देव उठते है। आज के दिन से पंच तिर्थी का व्रत करते है, तुलसी जी की पूजा करते है, शाम को तुलसी जी का विवाह करवाते है। देव उठनी एकादशी जिसे प्रबोधनी एकादशी भी कहा जाता हैं. इसे पापमुक्त करने […]

आंवला नवमी

आंवला नवमी

कार्तिक सुदी नवमी को आंवला नवमी होती है। आंवले की पूजा करना, आंवले का दान देना आवले के वृक्ष के नीचे बैठकर भोजन करना तथा आंवले की 108 परिक्रमा करनी चाहिए। आँवला नवमी की कहानी एक आँवलियो राजा थो, जिको रोजिना सोना का सवा मन आँवला दान कर क जीमतो। एक दिन ऊँका बेटा-बहु सोच्या […]

गोपाष्टमी

गोपाष्टमी

कार्तिक सुदी आठम को गोपाष्टमी होती हैं आज के दिन गायों का पूजन करते है, गुड में चावल सिजाकर मीठे चावल गायों को खिलाते है। गायों की रक्षा करने के कारण भगवान श्री कृष्ण जी का अतिप्रिय नाम ‘गोविन्द’ पड़ा। कार्तिक, शुक्ल पक्ष, प्रतिपदा से सप्तमी तक गो-गोप-गोपियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को […]

भाई दूज

भाई दूज

कार्तिक सुदी दूज को भाई दूज होती है, यह भाई बहन का पवित्र त्यौहार है, आज के दिन बहन के हाथ का बना खाना खाने काबहुत ही माहत्म है कहते है आज के दिन बहन के हाथ में अमृत का बास होता है, जो भाई को दीर्घायु बनाता है। बहन भाई के तिलक लगाती है […]

गोवर्धन पूजन

गोवर्धन पूजन

कार्तिक सुदी एकम के दिन सुबह जल्दी उठकर घर में झाडू लगाकर कचरे को डगरे में डालते हैं, वो कचरा सासुजी बाहर डालकर आती हैं, बेलन से डगरा बजाती हैं, घर के आगे बन्दरवार (आसोपालव के पत्ते, फुल की) बान्धते हैं, न्हा धोकर अच्छे कपडे पहन कर मन्दिर जाकर आते हैं, गायकागोबर लेकर आते हैं,जो […]

दिपावली

दिपावली

दी – दीपों की लडियां है पा- पावन फुल झडियां है व – वन्दना लक्ष्मी की ली – लीला लीलाधर की। कार्तिक वदी अमावश्या के दिन दीपावली का त्यौहार होता है। दीपावली भारती राष्ट्र जीवन का प्रमुख त्यौहार है, यह धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, यह सौभाग्यप्रजा का प्रकाश पर्व है, दीप पर्व है, यह […]

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