कहानी हैदराबाद की

सन् 1592 तक शहर के केन्द्र-बिन्दु चारमीनार, कुछ महल, मस्जिद, आशुरखाना, चार कमाने और फुव्वारा तैयार हो चुके थे। मीर मोमिन ने शहर में हरियाली पर खास जोर दिया था। इसी बात को ध्यान में रखते हुए शहर का काम शुरू होने से पहले ही पौधों को रोप दिया गया था। इसलिए जब तक शहर […]

सड़क पार करने की उचित व्यवस्था करें

स्थानीय नगर प्रशासन से अनुरोध है कि नेहरू जुलॉजिकल पार्क (जू) के पास यातायात पर नियंत्रण की उचित व्यवस्था करें। गौरतलब है कि जू-पार्क के मुख्य गेट पर चिड़ियाघर के अन्दर जाने वाले लोगों का तॉंता अक्सर लगा रहता है और यहॉं आने वाले तमाम वाहन, सवारियों को सड़क पर ही उतार देते हैं। ऐसे […]

मुनाफाखोर व्यापारियों और आम ज़रूरतमंदों की पहचान का मापदंड हो

आम तौर पर लोगों के पास जब पैसे होते हैं तो वह जमीनों में लगाना पसंद करते हैं। जमीन चाहे शहर-गांव के किसी भी कोने में हो, एक-न-एक दिन उसके भाव तो बढ़ने ही हैं। कुछ लोग यह सोच कर पैसा लगाते हैं तो कुछ लोग अंततः अपने लिए एक अदद आशियाने की चाहत में […]

अपने समय को परिभाषित करें

अपने समय को परिभाषित करें

भारतीय खाद्य भंडार में पंजाब और हरियाणा का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। इस साल गेहूं के उत्पादन को लेकर भी स्थिति काफी उत्साहजनक रही जबकि विश्र्व स्तर पर खाद्यान्न संकट निरंतर गहरा होता चला जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जिनकी दृष्टि वित्तीय स्थिति पर भी गहरी रहती है, किसानों की मुक्त कंठ […]

स्टैम्प ड्यूटी खरीद-फरोख्त का वैध आधार

स्टैम्प ड्यूटी खरीद-फरोख्त का वैध आधार

स्टैंप ड्यूटी कितनी लगनी है, कैसे अदा करनी है और कैसे एकत्र करनी है, इसके प्रावधान भारतीय स्टैम्प कानून-1899 में दर्ज हैं। इस कानून के तहत उचित स्टैंप ड्यूटी अदा करने के बाद कुछ कागजात को वैधता प्रदान करने की आवश्यकता होती है। किसी भी वित्त वर्ष में स्टैंप ड्यूटी से जो आमदनी होती है, […]

सरकार खबरिया चैनलों पर अंकुश लगाये

सरकार खबरिया चैनलों पर अंकुश लगाये

केन्द्र सरकार से मेरा आग्रह है कि वह देश के तमाम खबरिया चैनलों पर अंकुश लगाने हेतु नियम-कानून बनाये। ये चैनल समाचार कम, भूत-प्रेत, हत्या, बलात्कार और टोना-टोटका को प्रसारित करने का माध्यम ज्यादा बनते जा रहे हैं। आज ये कहते हैं कि अमुक वर्ष में दुनिया खत्म हो जाएगी तो कल शनि महाराज की […]

अब शिक्षा महज़ लक्ष्मी बटोरने का साधन

अब शिक्षा महज़ लक्ष्मी बटोरने का साधन

हम जिस समय में आ पहुँचे हैं, यह बेहद नाजुक समय है। आज के ढांचे में तिहरी-चौहरी शिक्षा व्यवस्थाएं काम कर रही हैं। गांवों, दूर-दराज के इलाकों, कस्बों, जनपदों, बड़े शहरों में स्कूल-कॉलेज हैं, यूनिवर्सिटी या उच्चशिक्षा संस्थान हैं, वे कई स्तरों और सितारों वाले हैं। निचले स्तर के स्कूल निहायत ही जर्जर किस्म के […]