प्रणाम शहीदों को इन्कलाब जिन्दाबाद के मायने

‘मार्डन रिव्यू’ के सम्पादक श्री रामानन्द चट्टोपाध्याय ने ‘इन्कलाब-जिन्दाबाद’ के शीर्षक से एक टिप्पणी लिखी। इसमें इस नारे को अराजकता और खून-खराबे का प्रतीक बताया और निरर्थक भी। भगत सिंह ने 23 दिसम्बर, 1929 को श्री रामानन्दजी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने ‘इन्कलाब जिन्दाबाद’ के मायने स्पष्ट किये। भगतसिंह ने लिखा, ‘‘आपने अपने सम्मानित […]

काहे को ब्याही विदेश

एक है जनार्दन मिश्र। शुद्ध शाकाहारी, बिना सुबह नहाए अन्न-जल तक ग्रहण नहीं करते। इनके बाबा (दादा) बनारस में पंडिताई करते थे। पिता को यह पसंद नहीं था, मगर मजबूरीवश उन्हें रामायण बांचनी पड़ती थी। उन्होंने ठान लिया था कि जनार्दन पंडिताई नहीं करेगा। जनार्दन को उन्होंने खूब पढ़ाया-लिखाया एवं डॉक्टर बनाया। उन्हें क्या पता […]

गुस्से का दफ्तरी समाजशास्त्र

सत्तर के दशक में सलीम-जावेद ने अमिताभ बच्चन को एंग्री यंग मैन के रूप में फिल्मी पर्दे पर पेश किया और उनका जादू सिर चढ़कर बोला। इस सफलता के पीछे एक मनोवैज्ञानिक कारण यह था कि युवा मर्द आाामक ही अच्छा लगता है। दिलचस्प बात यह है कि एंग्री यंग मैन का बिल्ला वास्तव में […]

पड़ाव

आज गांव के सभी लोग उस छोटी-सी पहाड़ी नदी में नहाने के लिये जाने को उतावले थे। बच्चे-बूढ़े भी यहां गांव में रह कर कुएं में नहाना नहीं चाहते थे। युवा लड़के अपनी-अपनी बैलगाड़ियां व छकड़े दुरुस्त कर बैलों को खिलाने में लगे हुए थे, क्योंकि थोड़ी ही देर में गांव का एक बड़ा-सा काफिला […]

संसार को बदलना है तो स्वयं को बदलिए

यह अमृत-वाणी हमारे प्राचीन ऋषियों और संतों की है। इस विचार-सूत्र के पीछे क्या मर्म छुपा है, आइए थोड़ा समझने का प्रयास करें। इसकी व्याख्या कई ढंग से की जा सकती है। व्यक्ति-व्यक्ति से मिलकर समाज, देश और विश्‍व का निर्माण होता है। यदि व्यक्ति बुरा है तो समाज, संगठन और विश्‍व निश्‍चय ही बुरा […]

सत्य ही शिव है

राजकोट के अल्फ्रेड हाईस्कूल की घटना है। हाईस्कूल का मुआयना करने आए हुए थे, शिक्षा विभाग के तत्कालीन इंस्पेक्टर जाल्स। नौवीं कक्षा के विद्यार्थियों को उन्होंने श्रुतिलेख (इमला) के रूप में अंग्रेज़ी के पाँच शब्द बोले, जिनमें एक शब्द था, ‘‘केटल।’’ कक्षा का एक विद्यार्थी मोहनदास इस शब्द के हिज्जे ठीक से नहीं लिख सका। […]

बहादुर प्रिया ने बचाई जान

प्रिया को किताब चाहिए थी। उसने हनुमान मंदिर के पास अपनी साइकिल खड़ी की और सामने  किताब वाले की दुकान पर गई। उसने किताबें खरीद लीं। फिर साइकिल लेने वापस हनुमान मंदिर के पास गई। उसकी सहेली मिताली भी उसके साथ थी। वह मिताली से बोली, ‘‘चलो! जल्दी निकल लेते हैं। यहाँ थोड़ी देर बाद […]

गिलहरी रानी बड़ी सयानी!

  गिलहरियों को हमेशा ऐसा महसूस होता है कि कोई उन्हें देख रहा है। यह बात तब उजागर होती है जब वे अपना बचा-खुचा भोजन छुपाती हैं। क्योंकि जब वे अपना भोजन छुपाती हैं तो कई बार सिर्फ छुपाने का नाटक करती हैं। ऐसा क्यों करती हैं वे? ‘‘गिलहरियाँ जब भी अपना भोजन छुपाती हैं, […]

मशीनी छिपकली स्टिकीबोट

घर में घूमती छिपकलियाँ क्या कम हैं कि वैज्ञानिकों को एक नई मशीनी छिपकली बनाने की जरूरत आन पड़ी है? अमेरिका के रॉबर्ट फुल को छिपकली, गिरगिट और काकरोच पसंद हैं और मार्क कटकोस्की को खास नापसंद भी नहीं। दोनों की जिज्ञासा थी कि किस तरह ये प्राणी खड़ी दीवारों पर आसानी से चढ़ जाते […]

बाढ़ की विभीषिका

बिहार और उत्तर प्रदेश इस समय बाढ़ की भयंकर विभीषिका से जूझ रहे हैं। बिहार की हालत सर्वाधिक खराब है। वहाँ कोसी और गंडक ने जो तबाही मचाई है उससे बिहार का एक बहुत बड़ा हिस्सा पूरी तरह जलमग्न हो गया है। चारों तरफ पानी ही पानी। नगर, कस्बा, गाँव और ज़मीन इस जल समुद्र […]

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