शिष्टाचार की शिक्षा

स्वामी विवेकानंद रेलगाड़ी के जिस डिब्बे में यात्रा कर रहे थे, उसी डिब्बे में अंग्रेज महिलाएँ भी बैठी हुई थीं और उनके साथ उनके छोटे बच्चे भी थे। उन्हीं बालकों में से एक बच्चा रो रहा था और उसकी माता के हर संभव प्रयास के बाद भी वह चुप नहीं हो रहा था। सामने की […]

फ्रांस का उदार कट्टरवाद

हाल ही में फ्रांस की एक अदालत ने एक मुस्लिम व्यक्ति को इस आधार पर तलाक प्रदान कर दिया था कि सुहागरात के समय उसकी पत्नी वर्जिन न थी, जैसा कि उसने दावा किया था। यह तलाक की बहुत ही अजीबोगरीब वजह थी क्योंकि स्त्री का हाइमेन स्पोट्र्स या अन्य कारणों से भी टूट सकता […]

प्रणाम शहीदों को

“मैं बेबे (मॉं) के हाथ की रोटी खाना चाहता हूँ’ भगतसिंह का साहित्य, जो उनके बाद समाज का मार्ग-दर्शन करता, नष्ट हो गया, पर वे कैसी समाज-व्यवस्था चाहते थे, मानव-मानव के बीच कैसा संबंध चाहते थे, यह एक संस्मरण में सुरक्षित है। उनकी काल-कोठरी में जो भंगी सफाई करने आती थी, वे उसे बेबे कहा […]

कौंडण्यपुर : जहॉं से कृष्ण ने किया था रुक्मिणी का अपहरण

महाराष्ट के विदर्भ क्षेत्र में से अमरावती जिले में स्थित चार सौ वर्ष पुराना ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल कौंडण्यपुर भगवान कृष्ण द्वारा रुक्मिणी के “अपहरण-स्थल’ के नाम से विख्यात है। सतपुड़ा पर्वत श्रृंखला से घिरी इन सुरम्य पहाड़ियों के मध्य बहने वाली वर्धा नदी के तट पर बसे अमरावती शहर से 35 कि.मी. दूर स्थित […]

प्रेम योग

कंस की मृत्यु के बाद मथुरा में उल्लास छा गया। उग्रसेन के पुत्र के गणप्रधान बनने पर कृष्ण की सलाह पर उन्होंने महल की सारी दासियों और दासों को मुक्त करके उन्हें राजकर्मी का दर्जा दे दिया। दासियों में एक सांवले रंग की कूबड़ी स्त्री भी थी। उसे साक्षात्कार में अनुपयुक्त पाकर निकाल दिया गया। […]

जहॉं आज तक कोई रह न सका

राजस्थान के दूसरे सबसे बड़े शहर जोधपुर की पहचान न केवल ऐतिहासिक विरासतों के लिए है, अपितु साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश करने में भी यह पीछे नहीं है। शहर के चप्पे-चप्पे पर बने मंदिर व मस्जिद आपसी भाईचारा व प्रेम की ऐसी इबारतें लिख चुके हैं, जिन्हें मिटाना नामुमकिन है। मारवाड़ के तत्कालीन […]

कीमती हस्ताक्षर

एक बार की बात है। बर्नार्ड शॉ एक नौजवान चित्रकार से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने उस चित्रकार को अपना चित्र बनाने के लिए नियुक्त किया। साथ ही बर्नार्ड शॉ ने उस चित्रकार को 100 डॉलर का पारिश्रमिक देने का वादा भी किया। लेकिन बर्नार्ड शॉ ने चित्रकार को 100 डॉलर के एक चैक के […]

पानी का रंग एक जैसा

आजकल जिसे देखो, वह पानी से छेड़खानी कर रहा है। नेतागण सिंचाई पानी के लिए किसानों से आंदोलन करवा रहे हैं, दूसरे नेता शहर में शुद्घ पेयजल की मांग कर रहे हैं। यह सिद्घ कर रहे हैं कि आज वाटर वर्क्स से नल के द्वारा आने वाला पानी ही प्रमाणित अशुद्घ पेयजल है। लोग भूल […]

अकाल का अंत

एक राजा था। उसका नाम सूरसेन था। उसके अच्छे शासन की ख्याति चारों तरफ फैली थी। उसकी प्रजा सुखी थी। राज्य में धन-धान्य की कमी नहीं थी। बहुत जरूरी होने पर ही प्रजा पर कर लगाया जाता था। सबसे बड़ी बात यह कि राजा का रहन-सहन साधारण नागरिकों जैसा था। उसका मानना था कि लोगों […]

जीवन गीता

स्वामी रामकृष्ण परमहंस के समय दक्षिणेश्र्वर में श्री प्रताप हाजरा नाम के एक सज्जन रहते थे। उन्होंने अपना जीवन साधुओं जैसा बना रखा था। वे कभी-कभी स्वामी रामकृष्ण परमहंस से मिलने आते थे और सत्संग का लाभ लेते थे। एक बार वे स्वामीजी के साथ कोलकाता गए थे। जब वहॉं से लौटे, तो अपनी धोती […]