तेगबहादुर का बलिदान

तेगबहादुर का बलिदान

मर कर दिखा गये, तेगबहादुर एक राह। रही हृदय में धधकती, बादशाह की दाह।। सिखों के नौवें गुरु का नाम था तेगबहादुर, जिनका स्मारक दिल्ली के चांदनी चौक में आज भी अवस्थित है। तेगबहादुर के बलिदान की गाथा सिखों में आज भी बहुत गौरव से गायी जाती है। बात उस समय की है, जब यहॉं […]

आज भी प्रासंगिक है कबीरदास का संदेश

आज भी प्रासंगिक है कबीरदास का संदेश

इक्कीसवीं सदी के इन प्रारंभिक वर्षों में मजहबी उन्माद ने विश्व के अनेक देशों, समुदायों और वर्णों को युद्ध की विभीषिका में भस्मसात होने के लिए उत्प्रेरित किया है। यह समय मजहब अथवा धर्म की आँखों से देखने का न होकर, मानवतावादी दृष्टि रखने की ख्वाहिश रखता है। प्रत्येक देश व समाज एक-दूसरे से आगे […]

महारानी कौशल्या की उदार आकॉंक्षा

महारानी कौशल्या की उदार आकॉंक्षा

महाराजा दशरथ न्यायप्रिय व प्रजापालक शासक थे। वह हर क्षण यह ध्यान रखते थे कि राज्य के किसी भी व्यक्ति को किसी तरह का कष्ट न होने पाए। सभी लोग धर्म का पालन करते हुए सुखी व समृद्ध बने रहें। एक दिन उन्हें प्रजा के हित के काम में व्यस्त देख कर गुरु वशिष्ठ जी […]

समाज-सुधारक बसवा

समाज-सुधारक बसवा

आज से लगभग 877 वर्ष पूर्व कर्नाटक में स्थित बीजापुर जिले के बागेवाड़ी गॉंव में मदारस-मादलांबिका नामक एक दंपत्ति रहते थे, जो नंदीश्र्वर के भक्त थे। एक दिन मादलांबिका ने पूजा के समय शिवलिंग पर चमेली का फूल चढ़ाया। वह फूल उसके आँचल में आ गिरा। उस फूल को आशीर्वाद समझ कर उसने अपने बालों […]

शराब के बेहद शौकीन थे मुगल

शराब के बेहद शौकीन थे मुगल

आज के युग की तरह मुगल राज्य में भी शराब व अन्य मादक वस्तुओं का प्रचलन बहुत अधिक था। यद्यपि कुरान में शराब पीने व बनाने की पूर्ण मनाही है, लेकिन ईरानी परंपराओं के अनुसार यह माना जाता है कि शराब तो सेहत के लिये लाभदायक होती है। इसका अधिक प्रयोग सेहत के लिये अत्यंत […]

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