बच्चों के आम रोग एवं उपचार

आज वैज्ञानिक, औषधियों के निर्माण के लिये लगातार आविष्कार कर रहे हैं। वैज्ञानिकों को यह बात भलीभांति ज्ञात है कि प्रकृति ने मानव और जीव-जन्तुओं की प्राण-रक्षा के लिये संसार में विभिन्न जड़ी-बूटियों की उत्पत्ति भी की है।

Children Diseases इन जड़ी-बूटियों की पहचान तथा उनके सम्मिश्रण से ही वैज्ञानिक असाध्य रोगों की दवा बनाने में सक्षम हो पा रहे हैं। बच्चों में होने वाले आम रोगों की जानकारी प्रस्तुत है और साथ ही कुछ ऐसी जड़ी-बूटियों की जानकारी भी दी जा रही है, जिनके प्रयोग से बच्चों की बीमारियों से रक्षा की जा सकती है। बच्चों के कुछ आम रोग और उनके उपचार के नुस्खे-

तुतलाना और हकलाना

बच्चों में तुतलाना और हकलाना प्रायः देखा जाता है। यह वास्तव में कोई रोग नहीं होता वरन कुछ पौष्टिक तत्वों की शरीर में कमी के कारण ही होता है। तुतलाने और हकलाने की दशा में निम्न जड़ी-बूटियों का प्रयोग दिये गये तरीके से करने में लाभ अवश्य होता है।

  1. बच्चे को एक ताजा हरा आँवला रोज चबाने के लिये दें। बच्चे से कहें कि पूरा आँवला वह चबा कर खा ले। इससे बच्चे की जीभ पतली हो जायेगी और उसके मुख की गर्मी भी समाप्त हो जायेगी। बच्चे का तुतलाना और हकलाना बन्द हो जायेगा।
  2. बादाम गिरी 7 और काली मिर्च 7 लेकर कुछ बूंद पानी में घिस कर चटनी बना लें और उसमें थोड़ी-सी मिश्री मिला लें तथा बच्चे को चटा दें। नियमित रूप से लगभग एक या दो माह तक ऐसा करें। हकलाना और तुतलाना समाप्त हो जायेगा।
  3. सत्यानाशी का दूध दो बूंदें लेकर जबान पर मालिश करने पर हकलाना बन्द हो जाता है।
  4. प्रातःकाल मक्खन में काली मिर्च का चूर्ण मिलाकर चाटने से कुछ ही दिनों में हकलाहट दूर हो जाती है।
  5. तेजपात को जीभ के नीचे रखने से हकलाना और तुतलाना ठीक हो जाता है।
  6. फूला हुआ सुहागा लें और उसमें शहद मिला कर जीभ पर मालिश करने से हकलाना समाप्त हो जाता है।
  7. मीठी बच, मीठी कूट, अलगन्ध और छोटी पीपल को बराबर मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। रोजाना थोड़ा-सा चूर्ण 10 ग्राम शहद में मिलाकर चाटने से आवाज बिल्कुल साफ हो जाती है। हकलाना भी समाप्त हो जाता है।
  8. हरा धनिया व अमलतास के गूदे को एक साथ पीस कर रख लें। पानी मिलाकर 21 दिनों तक कुल्ली करने से हकलाहट समाप्त हो जाती है।

खांसी, श्र्वांस और बुखार

बच्चों में खांसी, श्र्वांस और बुखार का प्रकोप बहुत जल्दी हो जाता है। इसे निम्नलिखित जड़ी-बूटियों की सहायता से दूर किया जा सकता है।

  1. पीपल, नागरमोथा, अतीस काकड़सिंगी, इन चारों चीजों को महीन पीस लें तथा छान कर रख लें। इस चूर्ण को शहद में मिलाकर चटाने से बुखार, दस्त, खांसी, श्र्वांस जैसी बीमारियॉं ठीक हो जाती हैं।
  2. हल्दी और आमा हल्दी, मुलेठी, इन्द्र जौ, इन सबका काढ़ा बनाकर बच्चों को पिलाने से बुखार, खांसी, श्र्वांस तथा उल्टी जैसे रोग ठीक हो जाते हैं।
  3. कुटकी के चूर्ण को मिश्री या शहद के साथ मिलाकर चटाने से बच्चों का बुखार ठीक हो जाता है।
  4. धनिया और मिश्री को पीस कर चावलों के पानी के साथ पिलाने से खांसी और श्र्वांस रोग ठीक हो जाते हैं।
  5. ढाख पीपल तथा सोंठ के चूर्ण को शहद तथा शुद्ध घी में मिलाकर चटाने से सभी प्रकार की खांसी दूर हो जाती है।

Remedies for Children Diseases

पसली चलना

बच्चों की अक्सर पसलियॉं चलने लगती हैं। इससे बच्चों को बहुत पीड़ा का होती है। निम्नलिखित जड़ी-बूटियों के सेवन से इस रोग से मुक्ति मिल जाती है।

  1. एक गोलोचन की चुटकी लेकर मॉं के दूध में घिसकर दो-दो घंटे से देने से शिशु की पसलियॉं चलनी बन्द हो जाती हैं।
  2. अमलताश की फली को जला लें और बारीक पीस लें। बच्चे की जब पसली चल रही हो, तो उस राख की एक चुटकी चूर्ण चटा दें। बच्चे को तुरन्त आराम हो जायेगा।
  3. नागरमोथा, क्षार, अतीस सुहागा, हर और बहेड़ा एक-एक तोला लें और पानी में घोंट कर बच्चे को चटायें। इससे भी पसलियों का चलना बन्द हो जाता है।

अतिसार

जिन बच्चों को अतिसार रोग हो जाये तो निम्न जड़ी-बूटियों का सेवन कराकर उन्हें लाभ पहुँचाया जा सकता है।

  1. खिन्नी की छाल को पानी में पीस कर शहद मिलाकर पिलाने से बच्चों का अतिसार रोग दूर हो जाता है।
  2. नीम के पत्ते और हल्दी बराबर मात्रा में पीस कर चने के बराबर गोलियॉं बना लें। सुबह-शाम एक-एक गोली देने से अतिसार रोग दूर हो जाता है।
  3. जामुन का ताजा रस, बकरी के दूध में मिलाकर पिलाने से अतिसार समाप्त हो जाता है।
  4. सोंठ, जायफल, बेलगिरी और अतीस का चूर्ण बनाकर 2-2 रत्ती दिन में दो बार पानी के साथ देने से बार-बार दस्त आने बन्द हो जाते हैं।

कब्ज, अजीर्ण एवं उदर शूल

  1. एलुआ को पीस कर उसमें साबुन मिलायें। इसे बच्चों के पेट पर मलने से बच्चों का कब्ज दूर हो जाता है।
  2. तुरन्त पैदा हुए शिशु के मुँह में करेले का पत्ता रखने से आंतों तथा छाती में जमा मल निकल जाता है।
  3. कीड़ा मार के पत्ते बालक की नाभि पर बांधने से कब्ज में लाभ होता है।
  4. तुलसी के पत्तों का फेंट पिलाने से बच्चों का कब्ज ठीक हो जाता है।
  5. अमलतास के गूदे को नाभि के चारों ओर लगाने से दस्त, अफारा और पेट का दर्द ठीक हो जाता है।

बच्चों का सूखा रोग

  1. हरी गिलोय के रंग में बालक का कुर्ता रंग कर सुखा लें। यह कुर्ता सूखा रोग से ग्रस्त बच्चे को पहनाये रखें। इससे बच्चे का सूखा रोग ठीक हो जायेगा।
  2. एक रत्ती कली चूना, शहद मिलाकर चटायें और घारोष्ण दूध पीने से सूखा रोग दूर हो जाता है।
  3. हरमल बूटी का पंचास पीस कर देने से शिशुओं का सूखा रोग ठीक हो जाता है।
  4. सच्चे मोतियों को गुलाब जल में घोंट कर मूंग के दाने के बराबर गोलियॉं बना लें। दिन में तीन बार गाय के दूध के साथ देने से सूखा रोग मिट जाता है।

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