ताकि संबंधों की आग न बुझे

How to maintain Family Relationsअक्सर, सिर्फ प्यार ही काफी नहीं होता। दूर तक साथ चलने के लिए एक-दूसरे को गहराई से समझना और आपसी तालमेल भी जरूरी होता है। यह हासिल करने के बाद भी कुछ बाधाएं होती हैं, जिन्हें पार करना होता है। प्यार और संबंध, दरअसल आग की तरह होते हैं। अगर आप इसे जलाये रखना चाहते हैं, तो इसमें बराबर ईंधन डालते रहें। प्यार के ईंधन के बारे में अगर आप नहीं जानते हैं, तो आगे पढ़िये…

लम्बे समय तक प्यार की आग को जलाये रखने के लिए यह जानना जरूरी है कि आपकी नैतिकता, मूल्यों, लक्ष्यों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर सोच में किस हद तक समानता है? जाहिर है, जितनी कम समानता होगी, उतनी ही संभावना बार-बार मतभेद की होगी, बशर्ते कि आप और आपका साथी विशेष रूप से लचीले व्यक्ति हों और तुरंत समझौता करने में भी दक्ष हों। यकीनन, ऐसी सूरत में भी नोंक-झोंक होगी, क्योंकि मतभेद बहुत मजबूत संबंध का भी हिस्सा हैं, लेकिन अगर आप दोनों के बीच फासला कम है तो समझौता करने की कोशिशों में कठिनाइयां कम आयेंगी। इसलिए या तो आप लचीले व समझौता करने वाले बनें या कोई अपने जैसा ही तलाशें।

अस्सी प्रतिशत हिस्सा अपने साथी को दें। प्यार और विश्र्वास को कोई चीज इतना मजबूत नहीं बनाती, जितना कि अपने साथी का ख्याल करना और उसे अपने से ज्यादा हिस्सा देना। अगर आप दोनों ही ऐसा कर रहे हैं तो दोनों ही संतुष्ट रहेंगे और महसूस करेंगे कि उन्हें प्यार किया जा रहा है। यह सही है कि ऐसा समय भी आयेगा और आना भी चाहिए जब आप अपने आपको वरीयता देने की जरूरत महसूस करेंगे, लेकिन ऐसे वक्त कमी के साथ ही आने चाहिए। अगर आप अपने साथी को प्राथमिकता देंगे तो वह भी इसी भावना को लौटाने के लिए प्रेरित होगा। प्यार देने से ही प्यार हासिल होता है।

दुनिया में कोई आदमी परफेक्ट नहीं है और किसी भी व्यक्ति के बारे में आप सब कुछ पसन्द भी नहीं करेंगे। बदकिस्मती यह है कि बहुत से लोग यह सोचते हैं कि उन्हें अपने साथी की हर चीज पसन्द करनी चाहिए और इसलिए जब कोई चीज उन्हें पसन्द नहीं आती है, तो वह उसे सही करने या बदलने की कोशिश करने लगते हैं। जब प्यार की बात हो, तो आप अच्छे के साथ बुरे को भी स्वीकार करना सीखें, क्योंकि संबंध की महान योजना में सकारात्मकता का पलड़ा नकारात्मकता से भारी ही होना चाहिए। प्यार में संतुलन इसी को कहते हैं।

वैवाहिक असंतुष्टि की जड़ें अक्सर व्यक्तिगत असंतुष्टि में होती हैं, जिनका संबंध काम, सफलता स्तर, स्वास्थ्य या वजन आदि से हो सकता है। अक्सर इन व्यक्तिगत खामियों का इल्जाम विवाह पर लगा दिया जाता है। बहुत से जोड़े जिन्होंने अपनी अप्रसन्न शादी को बरकरार रखने का फैसला किया, वह पांच वर्ष बाद प्रसन्न शादी का अनुभव करने लगे, हालांकि शादी में कोई परिवर्तन नहीं आया था। इसलिए अगर आप यह महसूस कर रहे हैं कि आपका संबंध आपको परेशान कर रहा है तो रूकें और देखें कि कहीं वास्तव में गलती आपकी ही तो नहीं है। यह जानना जरूरी है कि अप्रन्नता की वजह क्या है, तभी समाधान भी संभव होता है।

जब आप उसके साथ होते हैं, जिसे आप प्यार करते हैं तो इसका अर्थ है कि आप एक साथ किसी चीज का विकास कर रहे हैं। आपके जीवन-इतिहास में इस चीज का विकल्प नहीं है। कोई और उस चीज को गहराई से नहीं जान पायेगा, कभी भी। कौन आपकी खुशी व उदासी को इतनी पूर्णता से शेयर करेगा, आपके बच्चों को आपकी तरह ही प्यार करेगा और आपके परिवार की तमाम यादों को याद करेगा? इन समानताओं को अक्सर जोड़े कम करके आंकते हैं और जब वह चली जाती हैं, तो शिद्दत से उनकी कमी महसूस करते हैं। अपने जीवन-इतिहास के मूल्य को समझें, उसकी परवरिश करें और उसे थामें रखें, क्योंकि यह आनन्द का जबरदस्त स्रोत होगा आप दोनों के लिए।

जो लोग अपने जीवन-इतिहास के मूल्य को नहीं समझते, वह लम्हों की गलतियों का सदियों तक पछतावा करते हैं। इसलिए शेयर करना सीखें और प्यार की आग को ईंधन देते रहें ताकि वह जीवनभर जलती रहे।

बहरहाल, अपने आदर्श साथी को आकर्षित करने के तीन महत्वपूर्ण तरीके हैं-

  • जो गुजर गया, उसे जाने दो। आदर्श साथी को आकर्षित करने का और आदर्श संबंध के लिए रास्ता हमवार करने का पहला तरीका यह है कि पिछले संबंध के बोझ को उतार फेंको। पिछले संबंध के डर, दुःख और विरोध को डरावने सपने की तरह भूलना ही बेहतर होता है।
  • पिछली गलतियों से सबक सीखो। अगर आपका पिछला संबंध सफल नहीं हुआ, तो उसके लिए कम से कम 50 प्रतिशत आप भी जिम्मेदार हैं। अगर आप उन गलतियों को नजरअंदाज करेंगे या सुधारेंगे नहीं तो आप नये संबंध को भी अलग ढंग से नहीं देख सकते। उसका नतीजा भी पिछले जैसा हो सकता है।
  • जरूरतों को खोजो। संबंध की गुणवत्ता और अपनी जरूरतों को पहचानने की क्षमता में सीधा ताल्लुक है। इसलिए ऐसा साथी तलाशें, जो आपकी दीर्घकालीन जरूरतों को पूरा व संतुष्ट कर सके, न कि आपकी अल्पकालीन आवश्यताओं को।

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