दादी-दादी एक बात बतलाना,
बच्चा समझकर ना बहलाना।
कोयल और कौवे दोनों हैं कारे,
पर कौवे क्यों लगते नहीं प्यारे।
दादी बोली ज़रा ध्यान से सुन,
मीठी बोली में हैं बड़े-बड़े गुन।
कोयल और कौवे दोनों हैं कारे,
पर कोयल सदा बोले मीठा रे।
मीठा बोलकर सबको रिझाती,
इसीलिए कोयल सबको भाती।
कौवे मीठा कभी बोल न पायें,
इसीलिए ना किसी को भायें।
जीवन में जो चाहो आगे बढ़ना,
कड़वे बोल न किसी से कहना।
सदा ही बोलो मीठे-मीठे बोल, सुखी बनेगा ये जीवन अनमोल।
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