एक कला है, इसे सीखें

साल के बीच में जब महीने का आखिर आता है तो अधिकतर उद्योगों और सर्विस सेक्टर में दबाव ज्यादा बढ़ जाता है। इस कारण सीईओ के कमरे और क्यू विकल्प में तनाव और गुस्सा आसमान छू रहा होता है। आपकी रेज्यूमे कितनी ही भारी-भरकम क्यों न हो और आपकी सीटीसी में कितने ही जीरो क्यों न हों, आपकी क्षमता का असल इम्तिहान तभी होगा, जब आप उक्त स्थिति में होंगे। काम पर आपका अनुभव तभी मापा जाता है, जब आप जबरदस्त दबाव में हों।

बहरहाल, आप इस स्थिति से बच भी जाते हैं तो भी संभावना इस बात की अधिक है कि कभी न कभी स्पॉटलाइट आप पर जरूर होगी। इसलिए जब दबाव बड़ा हो तो निम्न सलाह याद रखें-

टाइम आउट लें

एक्शन के सबसे अच्छे रास्ते का फैसला करने से पहले, एक कदम पीछे हटें और स्थिति की समीक्षा करें। क्या आपके पास जरूरत की सभी जानकारी है? उद्देश्य की पूर्ति के लिए कौन-से संसाधनों की आवश्यकता है? टेक्नीकली सोचने और बोर्ड पर नक्शा बनाने से आप उन रूकावटों को स्पष्ट कर सकते हैं, जो आपकी रफ्तार को धीमा करने में सक्षम हैं।

कम वरीयता वाले कामों को स्पष्ट करें

जब दबाव होता है, तो समय िाटिकल हो जाता है। इसलिए यह सुनिश्र्चित कर लें कि आपका फोकस उन गतिविधियों पर है, जो सीधे आपके फौरी उद्देश्यों से जुड़ी हैं। कम वरीयता वाले कामों और जिनकी डेडलाइन फासले पर हैं, उन कामों को बाद में किया जा सकता है। जिस काम का सबसे ज्यादा दबाव हो, उसे पहले करने से आपका तनाव कम हो जाएगा और आपके संपूर्ण लक्ष्य ऐसे प्रतीत होंगे कि उन्हें भी निपटाया जा सकता है।

गेम प्लान पर कायम रहें

अपनी ऊर्जा उन स्थितियों पर लगायें, जहां आप नतीजे को प्रभावित कर सकते हैं और उसकी चिंता में वक्त बर्बाद न करें, जिसे आप बदल नहीं सकते। मसलन, अगर आप उस प्रेजेंटेशन को बनाने का फिर प्रयास कर रहे हैं, जो आपके हाई डाइव में मिट गया था तो अफसोस करने की जरूरत नहीं है। दूसरी कॉपी डाफ्ट करनी शुरू कर दें।

लक्ष्य को ओझल न होने दें

ओवर डाइव पर काम करते समय बड़े उद्देश्य का आंखों से ओझल होना आसान है। बावजूद इसके कि इस समय आप कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जो आपको आगे उन्हें हासिल करने में मदद करेगी। अपनी निगाह हमेशा मंजिल की तरफ रखें।

बारहवें खिलाड़ी को लायें

तनावपूर्ण समय के दौरान ऐसा प्रतीत होगा कि आप अकेले ही दुनिया से लड़ रहे हैं। लेकिन अक्सर जो मदद आपको चाहिए होती है, वह उपलब्ध होती है। आपको सिर्फ मालूम करने की जरूरत होती है। अपने प्रोफेशनल नेटवर्क में दूसरों की ओर मुखातिब होने में झिझकें नहीं। उन्हें अपनी चुनौतियों के बारे में बतायें और उनकी मदद लें। वह मदद करने वाला कोई पड़ोसी, जो कंपनी-लॉ पढ़ रहा हो या आपके चचा जो वैद्य हों, भी हो सकता है। ज्ञान कहां से मिल जाये, क्या मालूम और पहाड़ जैसा काम आसान नजर आने लगे। वह आस्तीनें चढ़ाकर आपका हाथ भी बंटा सकते हैं। कम से कम आप अपनी परेशानियों को उनसे बयान करके अपना दिल हल्का तो कर सकते हैं।

बॉल पास करें

अगर दबाव प्रोजेक्ट के ओवरलोड की वजह से है तो उन कामों को चिह्नित करें, जिन्हें ग्रुप के अन्य योग्य व्यक्ति को सौंपा जा सकता है। अगर नहीं, तो अपने बॉस से बात करें, जो यह तय करेगा कि कौन-सा काम किसको दिया जा सकता है। इससे आपके सुपरवाइजर को काम की प्रगति और आर्थिक जरूरतों के बारे में भी जानकारी रहेगी।

स्लॉग ओवर्स

जब आपको टारगेट नजर आये तो उत्साहित होकर काम खत्म होने के बाद कश्मीर जाने की योजना बनाने लगें। साथ ही हाई-प्रेशर अवधि के बाद अपने आपको और जिन्होंने मदद की उनको, रिवार्ड करना न भूलें। हौसला अफजाई अगले बड़े प्रोजेक्ट के लिए प्रेरणा होती है। आप चाहे अकाउंटेंट हों या कॉलेज के छात्र अथवा खिलाड़ी, काम के वक्त आप पर दबाव एक-सा ही रहेगा। दबाव में संयम के साथ काम करने से हर कोई फोकस रहता है और अच्छा परफॉर्म करता है। ध्यान रहे कि इस किस्म की कुछेक मैराथन में अच्छा काम करने से आप टीम लीडर के रूप में स्थापित हो जाते हैं और जब कोई अच्छा लाभकारी प्रोजेक्ट आता है तो बॉस आपको ही याद करते हैं।

ˆ नरेन्द्र कुमार

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