छा गई कल्पना सुरों के आकाश में

अब वह समय नहीं रहा जब कल्पना का परिचय देने के लिए यह बताया जाये कि वह भोजपुरी की स्वर कोकिला है। भोजपुरी सहित देश की 22 भाषाओं में लगभग 5000 गाने गा चुकी है, कल्पना। अब तो उसे सारा देश जानने लगा है क्योंकि वह अब देश के विभिन्न चैनलों पर दिखाई दे रही है व अखबारों की सुर्खिया बनी हुई है। यह देन है उनके नये टेलीविजन के रियाल्टी शो में उनके जलवे की। भोजपुरी सिनेमा की स्टार गायिका कल्पना को एनडीटीवी चैनल ने अपने रियाल्टी शो “जुनून कुछ कर दिखाने का’ के लिए एक प्रतियोगी कलाकार के रूप में अनुबंधित किया है। संगीत का यह नया संग्राम अब जोरों पर है। इस रियाल्टी शो में एक प्रकार से हर गायक कलाकार को एक कठिन परीक्षा से गुजरना पड़ रहा है। यह एक ऐसा मुकाबला है जिसे जीत पाने के लिए हर कलाकार को संघर्ष करना पड़ रहा है।

“जुनून… कुछ कर दिखाने का’ एक ऐसा शो है जिसका कांसेप्ट अन्य सभी शोज से अलग भी है और कुछ नयापन लिए हुए भी है। इस शो में भाग लेने के लिए संगीत के हर क्षेत्र से कलाकारों को शामिल किया गया है। इस शो में सूफी संगीत गाने वाले कलाकार भी हैं और वेस्टर्न म्यूजिक के सिंगर भी हैं। फिल्मी गीत गाने वाले कलाकार भी हैं और लोकगीत गायक भी हैं। कल्पना को भोजपुरी संगीत के विभाग में चुना गया है। कल्पना कहती हैं कि मेरे लिए यह एक बड़ा चैलेंज है। 6 जून से एनडीटीवी इमैजिन चैनल पर प्रसारित हो रहे इस शो के बाद कल्पना की गायिकी की चर्चा हर जगह है।

इस शो की पहली ही कड़ी में कल्पना ने भोजपुरी के मशहूर संगीत निर्गुण को गाकर सारे दर्शकों का मन मोह लिया। कल्पना का कहना है कि मेरी शक्ति लोक संगीत है और यू.पी., बिहार की सांस्कृतिक धरोहरों में लोक- संगीत का विशाल खजाना है। मुझे अपनी इस शक्ति के सहारे लोक- संगीत की विजय पताका इसी शो में लहरानी है।

कल्पना को हाल ही में ईटीवी की ओर से बेस्ट भोजपुरी गायिका का अवार्ड दिया गया है। यह अवार्ड हाल ही में बनारस में हुए ईटीवी के एक भोजपुरी अवार्ड फंक्शन में उनकी फिल्म कब अइबू अगनवा हमार के लिये दिया गया। यह कार्याम भी प्रतिस्पर्धात्मक था तथा जनता के वोटों के माध्यम से विजेता के रूप में कल्पना का चयन किया गया था। भोजपुरी के सभी बड़े कलाकार व गायक इस कार्याम में मौजूद थे।

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