बडी तीज

बडी तीज का त्यौहार सुहाग का प्रतीक है। दूज के दिन तीज का सीन्जारा करते है, सुबह माथा धोते है, अच्छी रसोई बनाते, एक ही शहर में बहन बेटियां होती है तो खाना खाने बुलाते है। अन्यथा मीठाई भेजते है। आधी रात को अधरातिया करते है। अधरातिये का मतलब है आधी रात को कुछ खाने […]

श्रावणी पुर्णिमा (रक्षाबंधन)

श्रावण सुदी पुर्णिमा को श्रावणी पुर्णिमा आती है, इसमें सबसे पहले जनेऊ पुजन होता है, जो-जो आदमी जनेऊ धारण करते है वो सुबह न्हा धो कर पूजा करने जाते है। पुजा की सामग्री का पन्ना पण्डितजी देतेहै उस हिसाब से तैयारी कर देते है+ पंचाममृत बना देते है। पिला पिताम्बर पहनकर पूजा में जाते है […]

छोटी तीज

श्रावण सुदी तीज को छोटी तीज होती है, इसके पहले दिन यानी दूज के दिन सिन्जारा करते है, मीठाई बनाते है, अच्छी रसोई बनाकर सभी को खाना खिलाते है। बेन बेटियों के घर सिन्जारा की मीठाई भेजते है। रात को मेहन्दी लगाते है। माथा धोते है। सासुजी को पगे लागनी देतीहै। तीज के दिन अच्छी […]

नाग पंचमी

श्रावण महिने की बदी पंचमी को नाग पंचमी मनाते है। कच्चे दूध व भीगे हुए मोठ से नाग देवता की पूजा की जाती है। मोठ-चौथ के दिन भिगो देने के। पूजा की सामग्री- जल, कच्चा दूध, भीगे हुवे मोठ, कुंकु, चावल, मोली, फूल दक्षिणा। सांप मांडने की विधि – भीतं पर सात सांप मान्डते है […]

वैशाख की चौथ

वैशाख वदी चोथ को वैशाखी चोथ आती है, जो चारबडी चोथ में से एक होती है।इस दिन सभी सुहागन औरते वृत रखतीहैं रात को चन्द्रमाजी को अरग देकर खाना खाती हैं,इस दिन अच्छी रसाई बनाते हैं शाम को चौथ विनायक जी कीपूजा करते है, कहानी कहतेहैं। पूजा में पाटे पर चोथ विनायक जी माड लेते […]

आखा तीज

चैत्र वदी तीज को अक्षय तृतिया आती है। वैसे तो अक्षय तृतिया यानि आखा तीज को खीचडा व आमली का भोजन बनना अनिवार्य है, तवा भी नहीं चढता है, लेकिन हम लोग ओख होने की वजह से दूज व तीज को खीचडा नहीं बनाते है। इस दिन दान पुण्य का बहुत महत्व है व कोरी […]

हनुमान जयंती

राम भक्त, हनुमान का करो हमेशा ध्यान संकट से रक्षा करे पवनपुत्र हनुमान। चेत्र सुदी पुर्णिमा को हनुमान जयंती का पर्व होता है। सुबह जल्दी न्हा-धोकर हनुमान जी के मंदिर में गुड व चने का प्रसाद चढाते हैं। विशेष कुछ नहीं करते हैं।

राम नवमी

त्रेता युग की यह है कहानी। राणव का राज हुआ, बढा पाप, पृथ्वी के ऊपर, सत्य धर्म का नाश हुआ भुमि भार के तारणहार लिया रामचन्द्रजी ने अवतार। जी हां चैत्र सुदी नवमी को श्री रामचंद्र जी ने अयोध्या में अवतार लिया माता-पिता की आज्ञा शिरोधार्य करके 14 वर्ष वनगामन किया रावण जैसे दुष्टोें का […]

गणगौर

ग – गणपति का कर वन्दन न – नववधू करैं अर्चन गौ – गौरी गिरिजा पूजन र – रखते व्रत सब पुरजन हो रही गीतों की रमझोला छाई खुशियाँ चारों और, चम-चम चमके चुन्दडी, पूजू में गणगौर। चैत्र सुदी तीज के दिन गणगौर का त्यौहार होता है शिव पार्वती की पूजा में इक्कठे होकर 16 […]

सिन्जारा

चैत्र सुदी दूजको गणगौर का सिन्जारा करते हैं, जो जवारा बोते हैं उसकी आज के दिन पूजा करते हैं पाटे पर जंवारा के कुन्डे रखते हैं उसमें लकडी के डोके पर सफेद कपडा बान्ध कर बाल लगा कर एककुन्डे में रखते है एक लडकी के डोके पर लाल कपडा बान्ध कर दूसरे कुन्डे में रखते […]