अरब में अट्टालिकाओं का नशा

अरब में अट्टालिकाओं का नशा

पिछले कई सालों से ऊंची इमारतों के जि पर दुबई के अल बुर्ज होटल का ही जि होता था, जिसे दुबई टॉवर भी कहते हैं। लेकिन लगता है अब अरब में सबसे ऊंची इमारत बनाने की होड़ लग गयी है। अब दुबई टॉवर से दो गुनी ऊंची लगभग एक मील की ऊंची इमारत बनाने की […]

अपने समय को परिभाषित करें

अपने समय को परिभाषित करें

भारतीय खाद्य भंडार में पंजाब और हरियाणा का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। इस साल गेहूं के उत्पादन को लेकर भी स्थिति काफी उत्साहजनक रही जबकि विश्र्व स्तर पर खाद्यान्न संकट निरंतर गहरा होता चला जा रहा है। देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, जिनकी दृष्टि वित्तीय स्थिति पर भी गहरी रहती है, किसानों की मुक्त कंठ […]

स्टैम्प ड्यूटी खरीद-फरोख्त का वैध आधार

स्टैम्प ड्यूटी खरीद-फरोख्त का वैध आधार

स्टैंप ड्यूटी कितनी लगनी है, कैसे अदा करनी है और कैसे एकत्र करनी है, इसके प्रावधान भारतीय स्टैम्प कानून-1899 में दर्ज हैं। इस कानून के तहत उचित स्टैंप ड्यूटी अदा करने के बाद कुछ कागजात को वैधता प्रदान करने की आवश्यकता होती है। किसी भी वित्त वर्ष में स्टैंप ड्यूटी से जो आमदनी होती है, […]

सरकार खबरिया चैनलों पर अंकुश लगाये

सरकार खबरिया चैनलों पर अंकुश लगाये

केन्द्र सरकार से मेरा आग्रह है कि वह देश के तमाम खबरिया चैनलों पर अंकुश लगाने हेतु नियम-कानून बनाये। ये चैनल समाचार कम, भूत-प्रेत, हत्या, बलात्कार और टोना-टोटका को प्रसारित करने का माध्यम ज्यादा बनते जा रहे हैं। आज ये कहते हैं कि अमुक वर्ष में दुनिया खत्म हो जाएगी तो कल शनि महाराज की […]

अब शिक्षा महज़ लक्ष्मी बटोरने का साधन

अब शिक्षा महज़ लक्ष्मी बटोरने का साधन

हम जिस समय में आ पहुँचे हैं, यह बेहद नाजुक समय है। आज के ढांचे में तिहरी-चौहरी शिक्षा व्यवस्थाएं काम कर रही हैं। गांवों, दूर-दराज के इलाकों, कस्बों, जनपदों, बड़े शहरों में स्कूल-कॉलेज हैं, यूनिवर्सिटी या उच्चशिक्षा संस्थान हैं, वे कई स्तरों और सितारों वाले हैं। निचले स्तर के स्कूल निहायत ही जर्जर किस्म के […]

हर लिहाज से खास हैं धन्नासेठों के शहर

हर लिहाज से खास हैं धन्नासेठों के शहर

संस्कृत की एक सूक्ति में कहा गया है- नगर वसंते देवानाम्। शहरों की तरफ आकर्षण के मूल में शायद यही है। यही वजह है कि दुनिया में हजारों शहर हैं और इन शहरों का विस्तार लगातार जारी है। शहरों के अपने किस्से हैं और अपने स्वप्न। ये किस्से और स्वप्न रातोंरात नहीं बनते। वर्षों की […]

धर्म-निरपेक्षता बनाम पंथ-निरपेक्षता

धर्म-निरपेक्षता बनाम पंथ-निरपेक्षता

भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने संविधान में उल्लिखित “धर्म निरपेक्ष’ शब्द पर एतराज जताते हुए कहा है कि एक राजाज्ञा के जरिये इस शब्द के संवैधानिक प्रयोग पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए। उन्होंने अपनी आपत्ति जताते हुए कहा है कि संविधान की प्रस्तावना में परिवर्तन कर सेकुलर शब्द नहीं डालना चाहिए था। वैसे भी इसका […]

दिशा भ्रमित होते ये खबरिया चैनल

भारत में सेटेलाइट चैनलों का प्रसारण संचार क्रांति के क्षेत्र में अभूतपूर्व घटना थी। इसने लोगों की जीवन-शैली ही बदल कर रख दी। टेलीविजन लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन गया। जहॉं एक ओर दूरदर्शन पर कार्यक्रमों का प्रसारण निश्र्चित समय पर होता था, वहीं दूसरी ओर सेटेलाइट चैनलों पर चौबीस घंटे, सातों दिन […]

एकांगी हैं वेतन आयोग की सिफारिशें

एकांगी हैं वेतन आयोग की सिफारिशें

किसी देश में खिलाड़ियों की संख्या में वृद्धि देश की खुशहाली, सुख-समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है। किसान खुशहाल हों तो देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिलती है। पुलिस बढ़े तो आंतरिक सुरक्षा में खतरे की घंटी है, अगर सुरक्षा सेवा में असंतोष हो तो सवाल उठता है कि देश की सुरक्षा का ज़िम्मा […]

जातिवाद केवलम्

जातिवाद केवलम्

आधुनिक राजनीतिक व्यवस्था को देखते हुए बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि राजनैतिक पार्टी चाहे कोई भी हो, जातिवाद को खत्म करना नहीं चाहती है। बल्कि हर तरह से उसे पोषित करते हुए अपनी महत्वाकांक्षाओं को फलीभूत देखना चाहती है। क्योंकि आज सभी को वोट चाहिए। वोटों के लिए हर पार्टी जातिवाद […]