गार्डन टूल्स ऐसे करें केयर

गार्डन टूल्स ऐसे करें केयर

पेड़-पौधों से हर कोई अपने घर को सजाना चाहता है ताकि प्रकृति के ज्यादा करीब रह सके। इसलिए अगर किचन गार्डन नहीं भी है तो भी तकरीबन हर घर में गमले मिल जायेंगे। गमले में लगे पौधों की देखभाल करने की भी आवश्यकता होती है, जिसके लिए गार्डन टूल्स का रखना भी जरूरी हो जाता […]

मर्यादा का विकृत होता रूप

मर्यादा का विकृत होता रूप

संसार में हमारे रिश्ते-नाते, प्रेम और मित्रता यह सब मर्यादा पर आधारित हैं। मर्यादा मनुष्य का आभूषण है। मर्यादा में जीवन व्यतीत करना बहुत बड़ा तप है। लेकिन वर्तमान में मर्यादा का स्वरूप कितना विकृत होता जा रहा है, यह जगजाहिर है। रिश्तों में काफी परिवर्तन आया है। परिवार से लेकर राष्ट तक के कर्णधारों […]

ताकि परेशान न हों जब दो से तीन बनें

ताकि परेशान न हों जब दो से तीन बनें

अभी तक आप सिर्फ दो थे। अब आपके घर में एक नया मेहमान आ गया है। आपको गर्व है कि आप एक बच्चे के माता-पिता बन गये हैं। नये पेरेंट्स बनना अपने किस्म की जटिलताओं के साथ आता है। पेरेंट्सहुड जीवन को बदल देती है। सबसे पहली बात जो बहुत स्पष्ट भी है, आपको अपने […]

फेरों पर कन्या

फेरों पर कन्या

यूँ तो फेरों पर कन्या होती ही है जो अग्नि के फेरे लेती है। परंतु मैं जिस कन्या का जिक्र कर रही हूँ वह फेरे लेने वाली कन्या से भिन्न है। अभी हाल ही में मेरे एक परिचित की शादी में यह कन्या मुझे दिख गई। वह मंडप में बैठी थी। सजी-संवरी, माथे पर चंदन […]

यौन-संबंधों में विविधता का नशा

यौन-संबंधों में विविधता का नशा

कुछ लोग अपने घरेलू सेक्स जीवन या फिर यू कहें कि एक ही साथी से सहवास करने से संतुष्ट नहीं होते और यौन-संबंधों में विविधता की चाह के चलते, वे विवाहेतर संबंध कायम करते हैं। अपने इन नाजायज संबंधों की सफाई में कहने के लिए भी उनके पास कुछ नहीं होता अर्थात्, इसके पीछे कोई […]

बदल रहे हैं हमारे संस्कार

बदल रहे हैं हमारे संस्कार

विवाह, गर्भाधान, पुंसवन, जातकर्म, नामकरण आदि 16 कृत्य जो जन्म से मरण पर्यन्त शास्त्र में बतलाए गए हैं, “संस्कार’ कहलाते हैं। इनके लिए विधि-विधान निश्र्चित है। वैसे संस्कार का अर्थ “सुधार’ भी है। मनोवृत्ति या स्वभाव का शोधन, त्रुटि का दूर होना, शुद्घि पवित्र करना, धारणा, विश्र्वास, इंद्रियों पर बाह्य विषयों से पड़ने वाला प्रभाव […]

उम्र के चौथे चरण में

उम्र के चौथे चरण में

जीवंतता से जीना एक कला है किसी शायर ने कहा है- जिंदगी जिंदादिली का नाम है, मुर्दे क्या खाक जिया करते हैं। वास्तव में न सिर्फ जीवंतता से जीना ही जीना है, बल्कि जीवंतता जीने की एक कला है। जिसे कोई भी अपने आचरण का हिस्सा बना सकता है, लेकिन होता इसके उल्टा है। लोग […]

खुद के लिए जीते लोग

खुद के लिए जीते लोग

इंग्लैंड में सफर के दौरान मेरी कोशिश रही कि वहॉं की जीवन शैली और भारत में जीने के तरीकों में तेजी से बदलाव के बीच के सूत्रों को समझ सकूं। इसलिए वहॉं रह रहे भारतीय परिवारों से खूब मिला। उनसे बेबात लंबी बहस छेड़ी, उनके अंदर झांकने के लिए उनके अन्तर्मन को झकझोरा और निकट […]

ताल्लुक जब लत बन जाए

अन्य लतों की तुलना में संबंधों की लत को कम गंभीरता से लिया जाता है। लेकिन वास्तविकता यह है कि यह बहुत दर्दभरी होती है और दोनों के लिए ही खतरनाक हो सकती है, जिसे लत है उसे भी और उसके साथी के लिए भी। बहुत-सी खुदकुशियों, हत्याओं, बलात्कारों और सेक्स के अन्य अपराधों की […]

मां-बाप की सेवा कर्त्तव्य ही नहीं, कानून भी

अब मां-बाप की सेवा करना न केवल बच्चों का कर्त्तव्य है, बल्कि भारतीय संविधान द्वारा लागू कानून के अंतर्गत उनकी बाध्यता भी है। देश के अधिकांश वरिष्ठ नागरिक या मां-बाप शायद इस बात से अंजान हैं कि सरकार ने उनकी देखरेख का पुख्ता इंतजाम करते हुए “मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पैरेंट्स एंड सीनियर सिटीजंस एक्ट […]