पतन

भगवान महावीर से एक शिष्य ने पूछा, भगवन्, मानव के पतन का क्या कारण है? भगवान जिन ने शिष्य के प्रश्र्न्न का उत्तर देने के बजाय अपने सामने रखा कमण्डल शिष्य को दिखाया और प्रश्र्न्न किया, यह भारी कमण्डल यदि नदी में डुबाया जाए तो क्या डूब जायेगा? नहीं, स्वामी। शिष्य ने हाथ जोड़कर विनम्रता से उत्तर दिया। यदि कमण्डल के दायें भाग में छेद हो तो? दूसरा प्रश्र्न्न गूंजा। भगवन, कमण्डल के बायें, दायें या पेंदे में अथवा कहीं भी सुराख होने से यह अवश्य पानी में डूब जायेगा। तुमने सही उत्तर दिया है। भगवान जिन ने शिष्य से कहा और बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, इसी प्रकार मानव पतन के कारण हैं- काम, ाोध, मद, मोह और मत्सर। ये चाहे कितने ही सूक्ष्म हों, मानव-पतन अथवा अद्योपतन के कारण होते हैं। अतः मानव को आत्मिक उन्नति के लिए, आत्मिक शांति के लिए इन अवगुणों से बचना चाहिए। – शिवचरण मंत्री

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