कानून के हाथ

कानून के हाथ

प्राइवेट टक का डाइवर है कमालुद्दीन। अधिकतर वह घर से बहुत दूर शहर दर शहर ही रहता। टक ही उसका घर बन गई। टाइम-बेटाइम जब घर पहुंचता, तो किसी को उसका पता भी नहीं चलता। उसका घर गली के बहुत अन्दर था। गली में पत्थर बिछे हुए थे, लेकिन उसके कई पत्थर उखड़ गये थे। […]