अपने इर्द-गिर्द देखिये, ऐसे कई लोग मिलेंगे जो हर घंटे पर हाथ धोते हैं। तालों को दस बार चैक करते हैं। पैन सीधी कतार में रखते हैं और जान जाते हैं कि कब उनसे छेड़ा-छाड़ी की गयी है। यह सब क्या है? इस सनक को ओसीडी या ओब्सेसिव कम्पलसिव डिसऑर्डर्स कहते हैं।
ओसीडी बहुत आम मनोवैज्ञानिक स्थिति है। 30 में से एक व्यक्ति इससे ग्रस्त है। ओसीडी वह साइकोलोजिक डिसऑर्डर है जिसमें कोई विचार या हरकत बार-बार दोहरायी जाती है। यह विचार और हरकत बहुत परेशान करने वाली हो सकती है और पीड़ित इनसे बचने का प्रयास कर सकता है।
कई कारण हैं जिनकी वजह से ओसीडी हो सकती है। यह बायोलॉजिकल, जेनेटिक या फिर मनोवैज्ञानिक भी हो सकते है। अगर परिवार में डिसऑर्डर का इतिहास हो, तो बच्चों को खतरा अधिक है।
इस रोग से बचने के लिए दवाओं और कोगनेटिक बीहेवियर थैरपी का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह तकनीक इस बात पर आधारित है कि आपको अपने विचार और एक्शन में परिवर्तन करने के लिए समस्या को समझने व प्रबंधन करने में मदद की जाये।
ओसीडी ओब्सेसिव कम्पलसिव पर्सनेल्टी डिसऑर्डर (ओसीपीडी) से भिन्न है। हल्की-सी सनक तो सभी में होती है। लेकिन जब कोई विचार या एक्शन की सनक आपको परेशान करने लगे और आपके रोजमर्रा के जीवन में हस्तक्षेप करने लगे, तो समझो इलाज का वक्त आ गया है।
ओसीडी के कुछ आम विचार
- कीटाणुओं से प्रदूषित होने का डर
- स्पष्ट सेक्सुअल विचार व तस्वीरें
- जिन लोगों को आप प्यार करते हैं और उनकी केयर करते हैं, उनको खोने का डर
- अति अंधविश्वास
- धार्मिक विचार
- ओसीडी की कुछ आम हरकतें
- गालों और स्तनों जैसी चीजों को बार-बार चैक करना।
- गिनना, कुछ शब्दों को बार-बार दोहराना या फिजूल की चीजें करना जैसे एक्जाइटी कम करने के लिए वॉक करते समय जोड़ से पैर बचाकर चलना।
- धोने या सफाई करते समय बहुत समय व्यतीत करना।
- बहुत ज्यादा प्रार्थना करना।
- डिसऑर्डर से ऐसे छुटकारा पायें
- सामाजिक अकेलापन बुरा है और आपकी ओसीडी को बढ़ा सकता है। इसलिए दोस्तों का अच्छा नेटवर्क रखें। गुणात्मक समय अपने परिवार के साथ गुजारें
- ध्यान लगायें
- योग करें, लम्बी सांस लें
- जॉगिंग करें
अगर समस्या फिर भी न जाये तो मनोचिकित्सक के पास जाने से न कतरायें। ध्यान रहे, जितनी जल्दी इलाज करायेंगे उतना ही बेहतर रहेगा। अगर हल्का ओसीडी है तो डॉक्टर के साथ कुछ ही सत्र में ठीक हो जायेगा।
– डॉ. भारत भूषण
2 Responses to "सनक की इंतहा है ऑब्सेसिव कम्पलसिव डिसऑर्डर"
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