दोस्ती वह धागा नहीं
जो खींचने से टूट जाए,
वह इन्सान दोस्त नहीं जो जल्दी रूठ जाए।
दिल में है अपने, विद्या की तिजोरी,
लाख चाहकर भी कोई,
नहीं कर सकता चोरी।
जो समय खोया है, फिर तुम्हें नहीं मिल सकता,
यदि टूट जाए पत्ता पेड़ से तो, फिर नहीं जुड़ सकता।
गाली के ज़वाब में गाली न दीजिए,
लड़े कोई आपसे तो मौन कर लीजिए।
ऐसी वाणी बोलिए जो मीठी हो,
अच्छी हो, भली हो,
कड़वी न हो, खट्टी न हो,
पर मिश्री की डली हो।
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