आडवाणी की आपातकाल वाली टिप्पणी का इशारा किसकी ओर – शिवसेना

shiv-sena-questioned-bjpलालकृष्ण आडवाणी के देश में दोबारा आपातककाल जैसे हालात की आशंका से इंकार नहीं किए जाने संबंधी बयान के बाद शिवसेना ने आज कहा कि भाजपा के दिग्गज नेता की टिप्पणी को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और यह जानने की जरूरत है कि उनका कथन किसके लिए था।

शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘‘लालकृष्ण आडवाणी देश के सबसे बड़े नेता हैं जिन्होंने हर मौसम को देखा है और सभी उतार-चढ़ाव से गुजरे हैं। आज वह भले ही मुख्यधारा की राजनीति में नहीं हों, लेकिन भाजपा नेता और मीडिया यह जानते हैं कि उनको नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। ऐसे में जब उन्होंने कहा कि आपातकाल जैसे हालात दोबारा बनने से इंकार नहीं किया जा सकता, तो चर्चा का केंद्रबिंदु वह हो गए।’’ उसने सवाल किया, ‘‘जब आडवाणी ने आपातकाल के फिर से आने को लेकर आशंका प्रकट की है, तो वह निश्चित तौर पर किसी की ओर इशारा कर रहे हैं। अब प्रश्न यह है कि वह कौन व्यक्ति है जिसकी ओर आडवाणी इशारा कर रहे हैं? उनके आशंका को कैसे हल्के में लिया जा सकता है?’’ शिवसेना ने कहा कि आडवाणी 1975 में लगे आपातकाल के साक्षी हैं जब नेताओं को बिना पुख्ता वजहों के सलाखों के पीछे डाल दिया गया और देश में पूरी तरह अराजकता थी।

भाजपा की सहयोगी पार्टी ने कहा, ‘‘40 साल के बाद अचानक से किस वजह से आडवाणी को यह सोचना पड़ा कि आपातकाल फिर से लग सकता है और लोकतंत्र को कुचला जा सकता है?’’

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