उपवास से नहीं होता कैलोरी ह्रास

fastingहम में से ज्यादातर लोग फास्ट या व्रत रखते हैं, जो धार्मिक कारणों के अलावा संभावित स्वास्थ्य लाभ या वजन कम करने के उद्देश्य से भी किया जाता है। लेकिन, फास्ंिटग का फायदा उसी समय होता है जब यह मेडिकल उद्देश्यों से बतायी गयी हो, वरना अन्य मामलों में इससे नुकसान हो सकता है। फैट कम करने के लिए तो फास्टिंग किसी भी सूरत में लाभकारी नहीं है। भोजनों के बीच लंबा फासला बुनियादी पाचन दर को कम कर देगा, जिससे वजन और बढ़ जायेगा।

फास्टिंग के दौरान जिस्म आवश्यक कामकाज के लिए रिजर्व भण्डार से ऊर्जा खींचता है। वह बुनियादी तौर पर ग्लाइकोजिन का इस्तेमाल करता है, ताकि दिमाग को फीड किया जा सके और अन्य कोशिकाओं को भी। ग्लाइकोजिन की सप्लाई जब कम होती है तो स्टोर हुए प्रोटीन इस्तेमाल किये जाते हैं जिससे मांसपेशियों व अन्य टिश्युओं का ब्रेकडाउन हो जाता है। इससे कमजोरी, थकन, डिप्रेशन और बाल झड़ने का अनुभव होता है। इसके अलावा हाइपर एसिडिटी, डिहाइडेशन, हड्डियों के मिनरल मास का कम होना, मांसपेशियों में दर्द, कमजोर निगाह, एनेमिया आदि की भी परेशानियॉं हो सकती हैं।

डिटोक्स डायट अगर तीन माह में एक दिन के लिए की जाये तो उसका कुछ फायदा हो सकता है, लेकिन एक दिन भी स्वस्थ फूड के न मिलने का अर्थ है- दिमाग और जिस्म को पर्याप्त पोषण न मिलना। नियमित फास्टिंग से मधुमेह, हृदय रोग और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी जटिलताएँ हो जाती हैं।

फास्टिंग से वजन जरूर तेजी से गिरता है क्योंकि कैलरी का लेना कम हो जाता है, लेकिन बॉडी फैट बहुत ही धीमे-धीमे कम होता है क्योंकि पाचन दर कम हो जाती है। इसलिए जैसे ही फास्टिंग बंद की जाती है, 90 प्रतिशत मामलों में शरीर अपने पुराने वजन पर लौट आता है। शुरूआती दौर में बॉडी वाटर की कमी हो जाने से वजन में कमी आती है। लेकिन बाद में पानी का कम होना और बॉडी फैट का कम होना समान बात नहीं रहती। लंबे समय तक फास्टिंग करने से शरीर की प्रतिरोधात्मक क्षमता भी कम हो जाती है।

आप फैट को प्राकृतिक रूप से हमेशा के लिए बर्न कर सकते हैं बशर्ते, आप इन साधारण तरीकों पर अमल करें-

एक्सरसाइज

दिन की शुरूआत एक्सरसाइज से करें। ऐसा करने से पाचन दर बढ़ जाती है और फैट अधिक प्रभावी ढंग से बर्न होता है। 6 घंटे की नींद के दौरान जिस्म अपने फंक्शन्स के लिए तकरीबन सभी कार्बोहाइडेट का इस्तेमाल कर लेता है। इसलिए अब ऊर्जा के लिए वह बॉडी फैट का प्रयोग करता है जिस प्रिाया में कैलरी बर्न होती है।

नाश्ता न छोड़ें

सुबह का नाश्ता ही पाचन क्रिया को शुरू करता है। लो-फैट नाश्ता करें- जिसमें पूर्ण कार्बोहाइडेट हो, ताकि फैट बर्न होना शुरू हो जाये। डीप या हल्के फ्राई की तुलना में ग्रिलिंग, स्टीमिंग, माइाोवेविंग अच्छी हैं।

सोते समय शुगर और प्रोसेस्ड फूड से बचें

इन फूड्स में शामिल हैं ब्रेड, स्नैक्स और कैंडीज। इन फूड्स को सोने से तुरंत पहले खाने से फैट डिपोजिट बढ़ जायेगा और आपका शरीर फैट बर्न करने के मोड में नहीं आ पायेगा।

भूखें न रहें, कम खायें

अपने खाने को इस तरह टाइम करें कि आप भूख लगने से पहले ही खा लें। इस तरह आप कम खायेंगे। छोटे और स्वस्थ मील्स नियमित अंतराल पर लेने से आप अधिक कैलरी बर्न करेंगे।

पाचन िाया बढ़ाने के लिए वॉकिंग करें

हर खाने के बाद 10 मिनट के लिए वॉक करें या शाम में 30 मिनट की वॉकिंग करें।

फाइबर अधिक खायें

अधिक मात्रा में ग्रीन्स और सलाद खाने से फैट बर्न करने के प्रयासों में जबरदस्त मदद मिलेगी।

सिाय रहें…

अधिक कैलरी बर्न करने के लिए अपनी कार स्टोर या दफ्तर से दूर पार्क करें ताकि वॉक करके जाना पड़े। लिफ्ट की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करें। अगर गप्पें मारनी हैं तो खड़े होकर मारें, बैठकर नहीं।

– करमचंद

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