गुरु-चेला

एक बार गुरु-चेला नदी के पास से जा रहे थे। उन्होंने देखा कि नदी के पास एक सुन्दर जवान लड़की बैठी रो रही है। गुरु ने लड़की से रोने का कारण पूछा तो लड़की ने बताया कि मुझे उस पार जाना है और मुझे तैरना नहीं आता।

गुरु ने उसे अपनी पीठ पर लादा और नदी में छलांग लगा दी। चेला यह देखकर हैरान रह गया कि गुरु तो हमें हमेशा लड़कियों से दूर रहने की, नारी को न देखने की शिक्षा देते रहते हैं और खुद जवान लड़की को देखकर फिसल गए। कितना बदमाश है ये? चेला अभी इस अधेड़बुन में ही था कि गुरु जी वापिस आ गये। चेले ने गुस्से में अपने मन की बातें गुरु से कह डालीं।

गुरु जी ने बड़े शांत भाव से कहा, “”मैं तो उसे लादकर छोड़ भी आया हू, तुम तो अभी भी उसे लादे हुए हो।” यह सुनते ही चेला पानी-पानी हो गया और गुरु के चरणों में गिर पड़ा।

– सुभाष जुनेजा

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