जनता ध्यान दे

कोई भी सरकार नहीं चाहती कि देश में महंगाई बढ़े और जन-साधारण की रोजमर्रा की हालत खस्ता हो जाये। विपक्ष सरकारी नीतियों को महंगाई का कारण बताकर आये दिन बंद, जाम, हड़ताल, रैलियों आदि के आयोजन करवाकर सामान्य जन की सहानुभूति बटोर कर यह दर्शाने का प्रयास करता है कि उसे जनता को त्रासदियों से मुक्त कराने की कितनी चिंता है। जबकि यह सही नहीं है। हकीकत तो यह है कि उसे जनता की नहीं बल्कि जनता को बरगला कर सत्ता पर काबिज होने की चिंता है।

यदि सरकार की नीतियों की वजह से महंगाई बढ़ रही है तो प्रश्र्न्न यह उठता है कि क्या सारे विश्र्व में बढ़ रही महंगाई की वजह भी हमारे देश की सरकारी नीतियां हैं। इस महासंकट की घड़ी में पक्ष और विपक्ष को कारगर उपायों की तलाश करना चाहिए, न कि राजनीति। वक्त का तकाजा है कि जनता बेकार की बातों में उलझने की अपेक्षा देश की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और रोजमर्रा के खर्चों में कमी करने के तरीकों पर रचनात्मक काम करे। ध्यान रखें- हड़तालों, बंद, जाम आदि से महंगाई घटने की जगह और बढ़ेगी।

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