देवास माता टेकरी जहॉं माताएँ जागृत अवस्था में विराजमान हैं

Devas Mata Tekadiदेवास टेकरी पर स्थित मॉं भवानी का यह मंदिर काफी प्रसिद्ध है। लोक मान्यता है कि यहां देवी मां के दो स्वरूप अपनी जागृत अवस्था में हैं। इन दोनों स्वरूपों को छोटी मॉं और बड़ी मॉं के नाम से जाना जाता है। बड़ी मॉं को तुलजा भवानी और छोटी मॉं को चामुण्डा देवी का स्वरूप माना गया है।

यहॉं के पुजारी बताते हैं कि बड़ी मॉं और छोटी मॉं के मध्य बहन का रिश्ता था। एक बार दोनों में किसी बात पर विवाद हो गया। विवाद से क्षुब्ध दोनों ही माताएँ अपना स्थान छोड़कर जाने लगीं। बड़ी मॉं पाताल में समाने लगीं और छोटी मॉं अपने स्थान से उठ खड़ी हो गईं और टेकरी छोड़कर जाने लगीं। माताओं को कुपित देख माताओं के साथी (माना जाता है कि बजरंगबली माता का ध्वज लेकर आगे और भैरूबाबा मॉं का कवच बन दोनों माताओं के पीछे चलते हैं) हनुमानजी और भैरूबाबा ने उनसे ाोध शांत कर रुकने की विनती की। इस समय तक बड़ी मॉं का आधा धड़ पाताल में समा चुका था। वे वैसी ही स्थिति में टेकरी में रुक गईं। यहीं छोटी माता टेकरी से नीचे उतर रही थीं, वे मार्ग अवरुद्ध होने से और भी कुपित हो गईं और जिस अवस्था में नीचे उतर रही थीं, उसी अवस्था में टेकरी पर रुक गई। इस तरह आज भी माताएं अपने इन्हीं स्वरूपों में विराजमान हैं।

यहॉं के लोगों का मानना है कि माताओं की ये मूर्तियॉं स्वयंभू हैं और जागृत स्वरूप में हैं। सच्चे मन से यहां जो भी मन्नत मॉंगी जाती है, हमेशा पूरी होती है। इसके साथ ही देवास के संबंध में एक और लोक मान्यता यह है कि यह पहला ऐसा शहर है, जहॉं दो वंश राज करते थे – पहला होलकर राजवंश और दूसरा पंवार राजवंश। टेकरी में दर्शन करने वाले श्रद्धालु बड़ी और छोटी मां के साथ-साथ भैरूबाबा के दर्शन अनिवार्य मानते हैं।

नवरात्रों के समय यहां दिन-रात लोगों का तांता लगा रहता है। इन दिनों यहां माता की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

कैसे जाएँ

हवाई मार्ग – यहां का निकटतम हवाई अड्डा मध्य-प्रदेश की व्यावसायिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर शहर में स्थित है।

सड़क मार्ग – यह शहर राष्ट्रीय राजमार्ग आगरा-मुंबई जुड़ा हुआ है। यह मार्ग माता की टेकरी के नीचे से ही गुजरता है। इसके निकटतम बड़ा शहर इंदौर है, जो यहां से मात्र ३० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इंदौर से आप बस या टैक्सी लेकर देवास जा सकते हैं।

रेलमार्ग – इंदौर शहर में रेल-मार्ग का जाल बिछा हुआ है। इंदौर आकर आप रेल से देवास जा सकते हैं।

– श्रुति अग्रवाल

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