पैरों पर भी ध्यान दें – पैर खुश तो आप खुश

Ladies Feetsआपके पांव बहुत खूबसूरत हैं, इन्हें ज़मीन पर न उतारना, मैले हो जायेंगे? फिल्म पाकीजा के इस डायलॉग के बावजूद पांवों पर इतना ध्यान नहीं दिया जाता, जितना कि देना चाहिए। यह शरीर का सबसे अधिक नजरअंदाज किया जाने वाला हिस्सा है। गौरतलब है कि शरीर की कुल हड्डियों का 25 प्रतिशत यानी 52 हड्डियां पैरों में होती हैं। इनमें 33 जोड़, 107 लिगामेन्ट्स व 19 मांसपेशियां होती हैं। पैर रोजाना दबाव के रूप में शरीर का पांच गुना भार बर्दाश्त करते हैं। इसलिए अपने पैरों पर अहसान करें और उन पर ध्यान दें।

विशेषज्ञों का कहना है कि पैरों को रोजाना रात में धोना चाहिए, साबुन और गर्म पानी से ताकि दिन भर की गंदगी साफ हो सके। लेकिन साथ ही पैरों को अच्छी तरह से सुखा लें। क्योंकि फंगस नमी वाले क्षेत्रों में पनपती है और आपके पैरों में इन्फेक्शन हो सकता है। सुन्दर पैरों के लिए झावें का इस्तेमाल जरूरी है।

अगर पैरों में पसीना ज्यादा आता है तो घबराने की बात नहीं है। यह सुनिश्र्चित कर लें कि मोजे प्राकृतिक फैब्रिक-कॉटन या वूल के पहने जायें ताकि पैरों को हवा लगती रहे। बाजार में अब डिटैचेबिल इन सोल्स भी उपलब्ध हैं, जो विशेष रूप से पैरों को गंध-मुक्त करने के लिए डिजाइन किए गए हैं या फिर मोजे पहनने से पहले अपने पैरों पर मेडिकेटिड पाउडर छिड़क लें।

आजकल सैलूनों में विशेष फुट मसाज की सुविधा भी उपलब्ध है और रिफ्लेक्सोलॉजी ट्रीटमेंट भी, जो ब्लड सर्क्यूलेशन को बेहतर बना देती है। हमारे पैरों की नर्व एंडिंग जिस्म के किसी न किसी हिस्से से जुड़ी होती है। इसलिए यह तकनीक मन और जिस्म को भी रिलैक्स करती है।

अपने पैरों के नाखूनों को नियमित रूप से काटें। इससे न सिर्फ पैर सुन्दर लगते हैं बल्कि नाखून सूखते और टूटते भी नहीं हैं। लेकिन नाखून सीधे काटें, साइड से न काटने पर इनग्रोथ का खतरा रहता है। घर पर पैडीक्योर करने के लिए संगीत बजायें, कुछ मोमबत्तियां जलाएं और निम्न 6 साधारण तरीकों से अपने आपको पैम्पर करें :

– टब को गर्म पानी से भर लें और उसमें कुछ बाथ या सी साल्ट्स मिलायें। एक चम्मच जैतून का तेल मिलाने के बाद 20 मिनट तक पानी में अपने पैरों को रखें। इससे मांस ग्रंथियां या ठेठें मुलायम पड़ जायेंगी।

– तलुओं पर एक्सफोलिएटिंग सब का प्रयोग करें और एक बार झावें से रगड़ दें। ठंडे पानी से पैरों को धो लें।

– नेल कटर से नाखूनों को ट्रिम करें। क्यूटिकल्स को आहिस्ता से पीछे धकेल दें, लेकिन उन्हें काटें नहीं।

– मोइस्चराइजर का प्रयोग करें और पैरों को सुखाने के बाद अच्छी तरह से मसाज करें। मसाज ऊपरी स्ट्रोक्स से करें यानी अंगुलियों से टखने की तरफ।

– बेसकोट और दो कोट नेल पॉलिश के लगायें, इसके बाद टॉप कोट लगायें।

– जब नाखून पूरी तरह से सूख जायें तो उन पर थोड़ा-सा जैतून का तेल लगायें।

– पैरों का वर्कआउट करने के लिए गर्म पानी से भरे टब में कुछ कंचे डाल दें और पैरों को उन पर रोल करें ताकि नर्व एंडिंग स्टिम्युलेट हो जायें। इससे तनाव दूर होगा।

– पैर थक गए हैं तो गर्म पानी के आधा टब में चार चम्मच एटसम साल्ट, मुट्ठीभर पाइन निडिल्स और एक चम्मच यूक्लिप्टस तेल मिला लें। आधे घंटे तक इस मिश्रण में अपने पैरों को रखें। इससे ब्लड सर्क्यूलेशन बढ़ जायेगा और पैर रिलैक्स होंगे, दर्द से राहत मिलेगी। ऐसा सप्ताह में दो बार करें- शनिवार और सोमवार को ताकि सप्ताहांत व शुरूआत सही हो।

जाड़ों में त्वचा सूखी रहती है। जूते भी पहनने पड़ते हैं जिससे पैरों में बदबू हो सकती है। इस समस्या से निपटने के लिए 3 चम्मच ओट मील पाउडर, 2 चम्मच शहद, थोड़ा दूध और नीम पाउडर लें। इसका मरहम बना लें और पैरों पर लगायें, पैक की तरह 15 मिनट तक इसे सूखने दें। सब करें और अच्छी तरह से धो लें। बदबू, मृत कोशिकाएं दूर हो जाती हैं, पैरों को मोइस्चर मिल जाता है और बैक्टीरिया दूर होते हैं।

साथ ही जूते खरीदते समय इस बात का भी ध्यान रखें कि वह ज्यादा टाइट न हों। गलत किस्म के जूतों से कमर की गंभीर समस्या हो सकती है और पैरों में बदबू भी आ सकती है। जो महिलाएं हाई हील्स लम्बे समय के लिए पहनती हैं, उन्हें कमर दर्द या स्प्रेन की शिकायत हो सकती है। मधुमेह पीड़ित लोग जूते खरीदते समय अधिक सावधानी बरतें, क्योंकि पैरों में ब्लड फ्लो पहले से ही ठीक नहीं होता है। उन्हें मजबूत और आरामदायक जूते पहनने चाहिए।

– नीलोफर

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