बिल्लियों को पालतू कब बनाया गया?

दोस्तों, बिल्लियों के लाखों साल पुराने अवशेष पाए गए हैं। इससे जाहिर होता है कि वह बहुत ही लम्बे समय से इस धरती पर मौजूद हैं। लेकिन इससे एक सवाल यह उठता है कि बिल्लियों को पालतू कब बनाया गया?

जिस पालतू बिल्ली को हम जानते हैं, वह जंगली बिल्ली की वंशज है। लेकिन कौन-सी जंगली बिल्ली की? यह कहना कठिन है, क्योंकि ऐसा बहुत समय पहले हुआ। शायद विभिन्न प्रकार की पालतू बिल्लियां दो या तीन किस्म की छोटी जंगली बिल्लियों से आयीं, जो यूरोप, उत्तर अफ्रीका और एशिया में ह़जारों वर्ष पहले थीं। सबसे अच्छा अनुमान यह है कि लगभग 5000 वर्ष पहले जंगली बिल्लियों को पहली बार पालतू बनाया गया। हम जानते हैं कि 4000 वर्ष पहले मिस्रवासियों के पास पालतू बिल्लियां होती थीं। मिस्र के लोग तो बिल्ली को देवता मानकर उसकी पूजा भी करते थे। पश्त देवी की तस्वीरों में बिल्ली का सिर भी दिखायी देता है और बिल्ली पर बलि भी चढ़ाई जाती थी। बिल्ली उनके मुख्य देवता (रा) और मुख्य देवी (आइसिस) की प्रतिनिधि थी। जब घर की बिल्ली मर जाती थी, तो मिस्री परिवार के सदस्य व नौकर भौहें शेव कराकर शोक में चले जाते थे। मंदिर की बिल्ली की मौत पर पूरा शहर शोक मनाता था। ऐसी बहुत-सी बिल्लियों की ममी मिली हैं, जिन्हें राजा व रानी की ममियों की तरह ही तैयार किया गया था। बिल्ली को मारने की स़जा मौत होती थी।

लेकिन पालतू बिल्लियों का किसी और जगह इतना लम्बा इतिहास नहीं मिलता है। यूरोप में ईसा के 1000 वर्ष बाद ही पालतू बिल्लियों का जिा मिलता है। प्राचीन यूरोप में लोगों का बिल्ली के प्रति ऩजरिया मिस्र से भिन्न था। वे उसे बुरी आत्मा समझते थे, देवी या देवता नहीं। अक्सर शैतान की तस्वीरें काली बिल्ली के साथ बनायी जाती थीं और चुड़ैलों के बारे में समझा जाता था कि वह बिल्ली का रूप धारण कर लेती हैं।

बिल्लियों की विभिन्न प्रजातियां भी कुत्तों की प्रजातियों की तरह अलग-अलग होती हैं। छोटे बालों और लम्बे बालों वाली बिल्लियों को आसानी से पहचाना जा सकता है। लम्बे बाल वाली सबसे मशहूर बिल्लियां हैं अंगोरा और पर्शियन।

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