भानुमती का पिटारा

  • एक्सपायरी डेट की दवाइयों को पानी में घोलकर पेड़-पौधों में डालें। पेड़ खूब पनपेंगे तथा उसमें फूल भी खूब खिलेंगे।
  • रोटियों के साथ एक टुकड़ा अदरक का रखने से वे देर तक नरम व स्वादिष्ट रहेंगी।
  • साबुत दालों को जल्दी गलाने के लिए कुकर में दालों के साथ एक टुकड़ा सुपारी का भी डाल दें।
  • जब कभी अधिक दिनों के लिए घर से बाहर जाना हो, तो कालीन को लपेटते समय उसमें तंबाकू के कुछ पत्ते रख दें, उसमें कीड़े नहीं लगेंगे।
  • बालों को शैम्पू के उपरान्त स्टीम भी दें। इसके लिए गर्म पानी में टॉवल भिगोकर निचोड़ लें और उसे बालों में लपेट दें और यह प्रिाया दो से तीन बार करें। स्वस्थ बालों के लिए यह अचूक उपाय है।
  • हारमोन्स का डिस्बैलेन्स तथा असंतुलित आहार भी बालों के झड़ने का प्रमुख कारण है।
  • लगातार लगे दस्तों से छुटकारा पाने के लिए आधा कप दही, आधा कप आम का मीठा रस और एक छोटा चम्मच अदरक का रस मिलाकर पिला दें। ऐसी ही तीन खुराकें हर आठ घण्टे बाद रोगी को पिलाएँ। दस्तों से छुटकारा पा लेंगे।
  • टी.बी. के रोगी को मीठे आम का रस एक कप तथा इसमें एक छोटा चम्मच शहद मिलाकर दें। कभी शहद की जगह दूध भी मिला सकते हैं। दिन में दो खुराक दें।
  • अण्डवृद्घि में चलना-फिरना कठिन हो जाता है। एक मुट्ठी आम के ताजे पत्ते तथा एक तोला सेंधा नमक- दोनों को मिलाकर पानी के साथ ऐसे पीसें कि यह पेस्ट बन जाए। इस पेस्ट को थोड़ा गर्म करके अण्डकोश पर लेप करें। अण्डवृद्घि घटकर सामान्य हो जाएँगे।
  • यदि हैजा हो जाए- तो तीन तोला आम के ताजा पत्ते (पत्ते कोमल हों) पीस कर एक गिलास पानी में उबालें। जब पानी की मात्रा आधी रह जाए तो आँच बंद करदें। इसे दिन में दो बार आधा-आधा पिलाएँ।
  • यदि तिल्ली बढ़ गई हो- तो एक गिलास आम के मीठे रस में एक चम्मच शहद डाल कर रोगी को नाश्ते से पहले ही पिलाएँ। तीन से चार सप्ताह में रोग खत्म हो जाता है।

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