हम कैसे खाते हैं यह है महत्वपूर्ण

eating-habitsअक्सर स्वास्थ्य सम्बंधी फर्क इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आप क्या खाते हैं, बल्कि इस बात पर निर्भर होता है कि आप कैसे खाते हैं।

मसलन, कहा जाता है कि आलू और ब्रेड से कैलरी बढ़ जाती है। लेकिन यह इस बात पर निर्भर होता है कि आप इन चीजों को खाते कैसे हैं। स्टार्च भरी सब्जियॉं और मोटे अनाज का ब्रेड गुणात्मक कार्बोहाइडेट होते हैं, जिनकी जरूरत आपके शरीर के हर हिस्से को ईंधन के लिए होती है- दिमाग से लेकर मांसपेशियों तक। मुश्किल तब होती है जब आप इनको गलत तरीके से खाते हैं। ब्रेड पर शोरबा या पिघला हुआ मक्खन डाल लें या आलू को डीप फ्राई कर लें तो नतीजा होगा- कैलरी का दोगुना हो जाना। आलू में अपने तौर पर फैट नहीं होता, इसलिए उबले हुए या बेक किए हुए आलू एकदम ठीक होते हैं। बस यह सुनिश्र्चित कर लीजिए कि आप उस पर पिघला हुआ मक्खन या घी नहीं डाल रहे हैं।

कहते हैं कि खाने से पहले एक गिलास पानी पीने से भूख मर जाती है। यह बात सही भी है और गलत भी। इससे भूख नहीं मरती, लेकिन पेट भरे होने का अहसास होता है। पेट, पानी पीने के बाद भी एसिड जारी करता रहेगा। पाचन एक ऐसी प्रिाया है जो हर सूरत में होगी। वास्तविक भूख को मिटाने की कोशिश न करें। लेकिन अगली बार जब गोलगप्पे की चाहत हो रही हो, तो एक गिलास पानी पी लें, बजाय गोलगप्पे खाने के।

प्रौन व अन्य शैलफिश में कोलेस्टॉल अधिक होता है? एक तरह से यह बात सही है। एक बड़ी प्लेट भरकर प्रौन खाने से जबरदस्त कोलेस्टॉल पैदा होता है। अच्छी बात यह है कि प्रौन सीमित मात्रा में खाए जाएँ। प्रौन खाने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि बिना ची़ज, मक्खन या तेल मिलाये- उन्हें स्टीम कर लें।

बेहतर है कि एलडीएल (खराब) कोलेस्टोल के स्तर को 125 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से कम रखें। इसका अर्थ है कि आपको कोई खतरा नहीं होगा। मधुमेह, ब्लडप्रेशर या कोई अन्य हृदय रोग का अर्थ है कि आप इन सब चीजों से बचें।

क्या कभी-कभार बर्गर और फ्राइ़ज खाने से आपको नुकसान पहुँचेगा? इसका उत्तर हॉं भी है और नहीं भी, क्योंकि यह बात इस पर निर्भर करती है कि आप अपने एक स्थानीय बर्गर ज्वाइंट पर कितनी बार जाते हैं और वहॉं जाकर क्या खाते हैं। इसलिए अगर आप वहां हर दोपहर जा रहे हैं तो आप मुश्किल में हैं। लेकिन अगर आप माह में एक बार खा रहे हैं और खूब वॉकिंग भी कर रहे हैं और आपका वजन भी नियंत्रण में है, तो सब कुछ ठीक है। अगर आपका हैमबर्गर चिकन या फिश का है और रेडमीट का नहीं, तो भी ठीक है।

क्या लो-शुगर कोला लेने से वास्तव में मदद मिलती है? इसमें शक नहीं कि शुगर न लेने से कैलरी वैल्यू तो बहुत कम होती है लेकिन बाकी चीजें तो आप ले ही रहे हैं- जिसमें शामिल है फास्फोरिक एसिड व अन्य एडिटिव्स। इसलिए इन्हें पीने के लिए फिर भी हॉं नहीं कहा जा सकता, भले ही इनमें शुगर का स्तर कम होता है। अच्छा विकल्प है नारियल पानी। ग्रीन टी भी अच्छी है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट है और लगभग शून्य कैलरी है।

– करमचंद

You must be logged in to post a comment Login