गर्मी के दिन
मई का महीना
आग उगलता सूरज
पिघलती सड़क
भागते-दौड़ते लोग
पसीने से तरबतर
चारों ओर
मोटर गाड़ियों का शोर
सुबह से शाम निरंतर,
गगनचुंबी इमारतें
मंज़िलों पर मंज़िल
छोटे-छोटे घर
छोटा-सा परिवार,
बंद सब खिड़कियॉं
झांकती न चांदनी
छत नहीं न आंगन
कूलर पंखे की घर्र-घर्र
रातभर,
नींद में डालते खलल
मच्छर,
घुटनभरी िजदगी
मुश्किल है जीना
मई का महीना।
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