चेतना – डॉ मोहम्मद जमील अहमद

अन्याय को सहना नहीं

उभरें एक शक्ति बनकर देश की रक्षा के लिए

विघटित होते मानव मूल्यों को फिर स्थापित कर

ताकि दूर हो सामाजिक भेदभाव

कार्य हो निःस्वार्थ

धर्म कभी खोना नहीं

सच्चाई के लिए, अच्छाई के लिए प्रण लें,

विदेशी संस्कृति को त्याग कर

देश में आदर्श संस्कृति का हो संचार

न्याय, नीति, धर्म, कर्त्तव्य, सत्य

मिले इन शब्दों के अर्थों को वास्तविक रूप

हे देश के युवक! अपनी निराशा छोड़

आशावादी दृष्टिकोण अपना

जीवन पथ पर धैर्य के साथ

आगे बढ़

अन्याय, अत्याचार, भ्रष्टाचार को रोक कर

नये समाज का निर्माण कर

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