जीवन गीत – संत तिलोपा

संत तिलोपा की बड़ी ख्याति थी। उनके बारे में कहा जाता था कि उनके पास सभी प्रश्नों के उत्तर मौजूद रहते हैं। एक बार मौलुंक नाम का एक व्यक्ति उनके पास आया और अपने प्रश्नों का उत्तर जानना चाहा। संत तिलोपा ने कहा, मैं तुम्हारे सभी प्रश्नों का उत्तर दे दूंगा, लेकिन तुम्हें उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। मौलुंक तैयार हो गया। संत तिलोपा ने कहा, तुम्हें दो वर्ष तक मेरे पास मौन बैठना होगा। दो वर्ष पूर्ण होने पर मैं तुम्हारे हर प्रश्न का उत्तर दे दूंगा। इन दो वर्षों में चाहे कितनी भी परेशानी आए, कितने भी कष्ट हों फिर भी तुम कुछ नहीं बोलोगे। मौलुंक तैयार था। वह दो वर्ष तक संत तिलोपा के पास मौन बैठा रहा। दो वर्ष में मौलुंक सब कुछ भूल गया। उसके विचार शांत होते गए। मौलुंक के भीतर एक शांति बहने लग गई थी। दो वर्ष पूर्ण होने पर संत तिलोपा ने मौलुंक से कहा, अब तुम्हें जो पूछना हो, पूछ लो, मैं तुम्हारे प्रत्येक प्रश्न का उत्तर देने के लिए तैयार हूँ। मौलुंक उनके चरणों में झुक गया और कहा, आपकी कृपा से मैं अब जान गया हूँ कि मन के मौन में सभी प्रश्नों के उत्तर हैं। मुझे मेरे सारे प्रश्नों के उत्तर मिल गए हैं। अब मुझे कुछ नहीं पूछना है।

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