वीडियो वेबसाइटें – मनोरंजन का महासागर

Video Websites are full of Entertainmentक्या आपको पता है, जिस समय आप ये पंक्तियां पढ़ रहे हैं, उस समय 300 से ज्यादा हिन्दुस्तानी कोई न कोई वीडियो वेबसाइट देख रहे होंगे? लगभग एक साल पुराने आंकड़ों के मुताबिक एक मिनट में 20 से ज्यादा हिन्दुस्तानी किसी न किसी वीडियो वेबसाइट को क्लिक करते हैं और उनमें कम से कम 5 लोग उन्हें देखना जारी रखते हैं यानी वह महज क्लिक करके वहां तक नहीं पहुंचते बल्कि वह किसी न किसी वीडियो वेबसाइट में रुक जाते हैं। पुराना ही सही एक और आंकड़ा जान लें, जिससे यह अंदाजा लग सकता है कि वीडियो वेबसाइटें कितनी तेजी से मनोरंजन का महाजाल बनकर उभरी हैं। हर मिनट में दुनिया के किसी भी कोने से लोग 10 घंटे से ज्यादा की वीडियो क्लिप यू ट्यूब नामक वेबसाइट में लोड कर देते हैं यानी एक घंटे में यू ट्यूब वेबसाइट में लोगों द्वारा 240 से ज्यादा फीचर फिल्में लोड कर दी जाती हैं और 24 घंटों में लोड की जाने वाली फिल्मों की संख्या 5760 होती है। कहने का मतलब यह है कि 24 घंटों के भीतर एक यू ट्यूब वेबसाइट में ही लगभग 6 हजार फीचर फिल्में इसके उपयोगकर्ताओं द्वारा डाल दी जाती हैं।

इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वीडियो वेबसाइटें पूरी दुनिया में कितने चाव से देखी जाती हैं और इससे यह भी अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि कितने बड़े पैमाने पर लोग खुद इस मनोरंजन की दुनिया को समृद्ध करने में रुचि ले रहे हैं। वीडियो वेबसाइटों में अश्लीलता है, हिंसा है, झगड़े हैं, कॉपी राइट के मुद्दे हैं। लेकिन इस सबके साथ यहां रचनात्मकता का एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म भी है। यहां सूचनाओं और मनोरंजन की दुनिया की विशालतम वर्चुअल लाइब्रेरी है। इसलिए हमें इस बात में कोई आश्र्चर्य नहीं होना चाहिए कि फ्री वीडियो शेयरिंग वेबसाइटें मनोरंजन का महाजाल बनकर उभरी हैं। इन वेबसाइटों ने पारंपरिक मनोरंजन के तौर-तरीके ही नहीं बल्कि उनकी समूची कल्पना को ही बदलकर रख दिया है। यही कारण है कि पूरी दुनिया में वीडियो वेबसाइटों के दीवाने मौजूद हैं।

हिन्दुस्तान में भी बड़े पैमाने पर ई-जेनरेशन का मुख्य मनोरंजन बनकर वीडियो वेबसाइटें उभरी हैं। ये इतने बड़े पैमाने पर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही हैं कि यू ट्यूब के एक नियमित दर्शक विधान के. मोहन्ती कहते हैं, “”वीडियो वेबसाइट किसी वर्चुअल जंगल से कम नहीं जहां प्रकृति का हर अच्छा-बुरा, आम व खास पेड़ मौजूद है।” वीडियो वेबसाइटों में हर तरह के वीडियो मौजूद हैं, जिनकी आप कल्पना कर सकते हैं और जिनकी कल्पना नहीं भी कर सकते।

आप कल्पना नहीं कर सकते कि कोई व्यक्ति ऐसा भी वीडियो बनाकर इस वर्चुअल जंगल में डाल सकता है, जो यह बताए कि शौच के बाद उसे सही ढंग से साफ करने का तरीका क्या है? जी, हां! इस हद तक के वीडियो भी इन वीडियो वेबसाइटों में मौजूद हैं। क्या आप यह कल्पना कर सकते हैं कि परांठा बनाते समय उसे कैसे सेंकें, इस पर कोई वीडियो उपलब्ध होगा, जिसे देखकर आप सही ढंग से परांठा सेंकना जान सकें? जी, हां! इस किस्म के भी वीडियो इन वेबसाइटों में मौजूद हैं। कई वीडियो देखकर लगेगा क्या बकवास है और कई वीडियो देखकर आप चौंकेंगे कि इतने छोटे-से विषय को भी फिल्माकर इस ढंग से प्रस्तुत किया जा सकता है?

इन वेबसाइटों में आपको वीडियो की इतनी वैरायटी मिलेगी कि आप दंग रह जाएंगे। कॉमेडी, गंभीर, मनोरंजक, शिक्षाप्रद, टाइम पासिंग, उत्तेजक, ऐसा कोई प्रकार नहीं है, जिसका वीडियो यहां मौजूद न हो। किसी वीडियो में बच्चे खिलखिलाकर हंस रहे हैं तो किसी दूसरे वीडियो में बिल्ली टे्रड मिल में चलने की कवायद कर रही है। किसी वीडियो में आप जानेंगे कि कितनी तेजी से ग्लेशियर पिघल रहे हैं तो किसी दूसरी वीडियो में आप पाएंगे कि कितनी सफाई से मुंबई सेंट्रल के बाहर खड़ी कॉल गर्ल्स अपना कारोबार करती हैं। वीडियोज के इस जंगल में आपको वाकई इस-इस तरह के वीडियो मिलेंगे, जिनकी आपने कभी कल्पना भी नहीं की होगी।

इसमें कोई दो राय नहीं है कि बड़े पैमाने पर यहां वीडियो बिना सिर-पैर के हैं। कई बेहद अश्लील हैं और कुछ इतने मनोविकारग्रस्त लगते हैं कि उन्हें देखना भी शायद कुछ लोग गंवारा न करें। मगर इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि यहां कम संख्या में ही सही मगर तमाम वीडियो ऐसे भी मिल जाएंगे, जिनकी कल्पनाशीलता देखकर आप दंग रह जाएंगे। जिसका फिल्मांकन देखकर आप दांतों तले अंगुलियां दबा लेंगे और मान जाएंगे कि दुनिया में ऐसे लोग और इस तरह से सोचने वाले लोग भी मौजूद हैं, जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती। वैसे अगर आप इन वेबसाइटों में सर्वाधिक देखे जाने वाले वीडियो पर क्लिक करेंगे तो आमतौर पर बेहद अश्लील वीडियो ही दिखेंगे, क्योंकि ज्यादातर लोग वही देखते हैं। मगर यदि आप में संयम का माद्दा है वीडियो के इस जंगल को खंगालने के लिए, तो आपको यहां कुछ अद्वितीय वीडियो भी मिलेंगे।

वीडियो वेबसाइटों की इस दुनिया में अगर सेक्स, मनोविकार और मनोरंजन को फिल्माने वाले वीडियो सबसे ज्यादा मिलेंगे तो कुछ बेहद गंभीर विषयों मसलन, एस्ट्रोनॉमी और बायो-इंफॉरमेटिक्स में भी वीडियो मिल जाएंगे। कॉपी राइट के संबंध में कई जबरदस्त जानकारियां देने वाले वीडियो भी मिलेंगे। हिंदी फिल्मों के गाने, मशहूर टी.वी. सीरियलों के कुछ अंश, अपनी कल्पना से तैयार किया गया कोई दृश्य। वीडियो वेबसाइटों ने जहां लोगों को इस कदर मनोरंजन का खजाना प्रदान कर दिया है, वहीं फिल्मकारों, टी.वी. सीरियल बनाने वालों और इस विधा से संबंधित और भी कई तरह के लोगों के लिए कॉपीराइट उल्लंघन का एक नया सिर दर्द भी खड़ा कर दिया है। यहां कई ऐसे टी.वी. सीरियल भी आपको मिल जाएंगे, जो सरासर कॉपीराइट का उल्लंघन होगा। हिंदी फिल्मों के सबसे ज्यादा गाने अगर आपको कहीं मिल सकते हैं तो वह जगह वीडियो वेबसाइटें ही हैं।

सिंगिंग, डांसिंग, आईटी, फिल्ममेकिंग। आप अपने किसी भी टैलेंट को अब दुनिया के सामने पेश कर सकते हैं। इसके लिए आपको न तो बहुत ज्यादा पैसा खर्च करना है और न ही बहुत कुछ प्रबंध करना है। सिर्फ और सिर्फ अपनी एक वीडियो बनानी है और उसे किसी मशहूर वीडियो वेबसाइट में रख देना है। आपके चाहने वाले पूरी दुनिया में मिल जाएंगे। फिल्मकार सुधीर मिश्रा कहते हैं, “”आप हैरान हो जाएंगे, जब छोटी-छोटी जगहों के अनजान लोगों के कल्पनाशील वीडियो देखेंगे। इन्हें देखकर पता चलेगा कि वाकई लोगों में कितना ज्यादा टैलेंट है।” जी, हां! इन वीडियो वेबसाइटों ने अवसरों के नये द्वार खोल दिए हैं। ऐसे क्षेत्रों में तरक्की, रोजगार और प्रसिद्धि की संभावनाएं पैदा कर दी हैं, जिनके बारे में पहले कल्पना तक नहीं की जा सकती थी।

इंटरनेट की लोकतांत्रिकता पर दो किताबें लिख चुके जॉन मेल्हर कहते हैं, “”कई बार तो इन वीडियो वेबसाइटों में मौजूद कुछ खास वीडियोज को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे यह कितना जरूरी था कि आम लोगों को अपनी प्रतिभा दुनिया के सामने रखने का माध्यम होता और वह माध्यम अब मिल चुका है वीडियो वेबसाइट के रूप में। इस लिहाज से यह इंटरनेट से भी दो कदम आगे है।”

यू ट्यूब के अंतर्राष्ट्रीय प्रमुख सकीना आर्सीवाला कहते हैं, “”धीरे-धीरे वीडियो वेबसाइटें भी किसी समृद्ध पारिवारिक पत्रिका के माफिक होती जा रही हैं, जिनमें लोग अपनी पसंद के कॉलम और अपनी पसंद की सामग्री को पढ़ सकते हैं। जिस तरह किसी अखबार या पत्रिका में सब कुछ हर किसी के लिए नहीं होता मगर ज्यादातर चीजें किसी न किसी के मतलब की होती हैं, इसी तरह वीडियो वेबसाइटों में भी भले ही हर चीज हर किसी के लिए न हो, लेकिन यहां हर किसी के लिए कोई न कोई मतलब की चीज जरूर मिल जाती है। इसलिए आने वाले दिनों में वीडियो वेबसाइटें मनोरंजन के साथ-साथ सूचना और अधिकारों के मुख्य पत्र की तरह भी काम करेंगी।”

सवाल है, आखिर वीडियो वेबसाइटें इतनी तेजी से मनोरंजन की दुनिया में कब्जा क्यों जमा रही हैं? इसकी दो वजहें हैं- एक तो यह कि जीवंतता हमेशा आकर्षित करती है, इसलिए कोई भी ऐसा माध्यम, जिसमें आवाज हो, तस्वीर हो और ये सब चीजें जीवंत हों, तो वह लोगों को आकर्षित करेगी ही। दूसरी बड़ी बात यह है कि ये सिर्फ आपको कुछ देती ही नहीं हैं बल्कि आपसे कुछ लेती भी हैं। दुनिया में लोग अपनी राय और विचार देने में हमेशा आगे रहते हैं। इसलिए लोग इसे पसंद करते हैं, क्योंकि वह सिर्फ दूसरों की पसंद को यहां नहीं झेलते बल्कि दूसरों को भी अपनी पसंद से रूबरू कराते हैं। सबसे बड़ी बात यह होती है कि यहां लोग अपनी सोच और दर्शन को दूसरों के सामने पेश कर सकते हैं यानी यह एक रचनात्मक जरिया है, जो लोगों की रचनात्मक भूख को खुराक देता है। इसलिए भी यह माध्यम लोगों को खूब भा रहा है।

युवा अपनी पसंद, अपनी महत्वाकांक्षा, अपने टैलेंट का वीडियो किसी वीडियो वेबसाइट में डालकर अपने कॅरियर को सकारात्मक दिशा देने का प्रबंध कर सकते हैं। इसीलिए ये वेबसाइटें खूब पसंद की जा रही हैं। लता मिगलानी ने अपने डांस की एक वीडियो यू ट्यूब में डाली। इससे कुछ ही दिनों में न उसे तारीफ करने वालों की एक बड़ी संख्या मिल गई, बल्कि उनके कॅरियर को भी एक शानदार सहारा और निर्णायक दिशा मिल गई। वीडियो वेबसाइटों ने आम आदमी को अपने टैलेंट को दुनिया के सामने लाने के लिए बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म प्रदान किया है। अगर आप अच्छे साइंस और मैथ्स के टीचर हों तो आप अपना एक वीडियो बनाकर किसी वेबसाइट पर डाल सकते हैं और सैकड़ों लोग आपसे उन विषयों पर ट्यूशन लेने के लिए पहुंच जाएंगे। सुहानी शाह एक प्रोफेशनल जादुगर हैं। उन्होंने लोगों को सम्मोहित करने का अपना एक वीडियो बनाकर यू ट्यूब में डाला और आज उनके वीडियो को देखने वाले हजारों नहीं लाखों में हैं। सिर्फ उन्हें मुफ्त के दर्शक ही नहीं मिले बल्कि इन दर्शकों के बाद उनके पास काम की लाइन लग गई। सैकड़ों लोग उन्हें अपने घर किसी फंक्शन में बुलाना चाहते हैं।

सुहानी कहती हैं कि वह 7 साल की उम्र से ही सम्मोहन का अपना प्रदर्शन करती रही हैं। लेकिन उन्हें इतने बड़े पैमाने पर और इतने दूर-दूर तक फैले दर्शक कभी नहीं मिले थे, जैसे कि अब वीडियो वेबसाइट यू ट्यूब के जरिए मिल रहे हैं। एक और बात है कि इन वीडियो वेबसाइट से सिर्फ और सिर्फ आर्थिक फायदा ही नहीं हो रहा है। आप अपनी प्रतिभा को निखार भी सकते हैं लोगों के सुझावों के जरिए, जैसा कि सुहानी शाह के साथ हुआ। उन्होंने 2 साल पहले या जब पहली बार अपना एक वीडियो यू ट्यूब में लोड किया था तो उन्होंने दर्शकों से अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए कुछ टिप्स मांगे थे। सुहानी के मुताबिक वह दंग रह गईं, जब महज 24 घंटे के भीतर ही उन्हें 100 से ज्यादा वाकई शानदार टिप्स मिल गये, जिससे उन्हें अपने प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद मिली।

कुल मिलाकर वीडियो वेबसाइटें महज मनोरंजन ही नहीं करतीं अपितु ये आपके टैलेंट को निखारती हैं, आपको आर्थिक, सामाजिक मंच प्रदान करती हैं और सबसे बड़ी बात अपने जैसे तमाम लोगों से संपर्क कराती हैं। इस तरह देखें तो वीडियो वेबसाइटें मनोरंजन के साथ महत्वाकांक्षाओं की भी पूर्ति करती हैं। इसीलिए दिनोंदिन लोगों का इनके प्रति रूझान सकारात्मक होता जा रहा है।

वीडियो वेबसाइटों से जहां कई तरह के आर्थिक, सामाजिक और कॅरियर संबंधी फायदे हैं, वहीं इनके कुछ नुकसान भी हैं और ये नुकसान खुद ये वेबसाइटें भी उठा रही हैं। मसलन-

  • ज्यादातर वीडियो वेबसाइटें अश्लील वीडियोज के उफान से परेशान हैं।
  • ज्यादातर वीडियो वेबसाइटें बड़े पैमाने पर लोगों से ऐसे वीडियोज हासिल कर रही हैं, जो खूनी लड़ाइयों या हिंसा से भरी पड़ी हैं। यू ट्यूब में ही ऐसी हर दिन हजारों वीडियो लोड की जाती हैं, जो खूनी लड़ाइयों की होती हैं।
  • यह भी हकीकत है कि वीडियो वेबसाइटों में सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वीडियो बेहद अश्लील और क्रूर हिंसा वाली होती हैं। मसलन, सद्दाम हुसैन को फांसी देते समय की वीडियो उन गिनी-चुनी वीडियो में है, जिसे सबसे ज्यादा देखा गया।
  • अश्लीलता वीडियो वेबसाइटों के लिए किसी महामारी से कम नहीं है। तमाम वीडियो वेबसाइटें अश्लीलता से निपटने के लिए लड़ाई लड़ रही हैं, लेकिन उन्हें कारगर रूप से सफलता नहीं मिल पा रही है।
  • किशोर उम्र के लड़के अक्सर मोबाइल एमएमएस बनाकर अश्लीलता की समस्या को नये आयाम दे रहे हैं। हालांकि अश्लीलता के संबंध में तमाम वेबसाइटें जीरो टॉलरेंस रणनीति अपनाती हैं, लेकिन उन्हें सफलता बिल्कुल नहीं मिलती।

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