युवाओं से – मीना खोंड

आकाश में उड़ान लेते वक्त

तेरे मजबूत कंधे पर

आकाशभार तू कल का भवितव्य

देश का वर्तमान आधार

कर्तबगार…

तू परिवर्तनशील समाज दायरे का

मध्यबिंदू

तू क्रांति के सपनों का

साध्यसिंधु…

तेरे रग-रग में बहती खून की

गरमी

तेरे रोम-रोम में जवानी जोशीली

सहमी सहमी…

तुझे असत्य का पर्दाफाश करना है

सत्यम शिवम् सुंदरम् से

तुझे भ्रष्टाचार का तम मिटाना है

क्रांति की मशाल से…

अब तुझ से ही आशा है

तुझे देश की धारा में बहना है

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