अपराध और राजनीति का रिश्ता एक कड़वा सच

अंततः उत्तर प्रदेश के एक मंत्री जमुना निषाद ने इस्तीफा दे ही दिया और उनका इस्तीफा मुख्यमंत्री मायावती ने स्वीकार भी कर लिया है। मंत्री पर आरोप लगा था कि उन्होंने अपने साथियों के साथ एक पुलिस थाने पर हमला किया था और उनकी पिस्तौल से चली गोली से एक पलिसकर्मी की मौत हो गयी […]

मनुष्य को पशु बनाने वाले दो जहर

नशा और वासना में पशु बनने की बड़ी सुविधा है। इनसे इन्सान आसानी से पशुता की ओर बढ़ चलता है। नशा इन्सान को बेहोश करता है और वासना अंधा। बेहोशी और अंधापन, दोनों ही पशु के गुण हैं। हर इन्सान में देवत्व और पशुत्व होते हैं। चूंकि इन्सान की विकास-यात्रा निम्नत्तर से उच्चतर की ओर […]

ब्लैकमेलिंग का हथियार बनता सूचना का अधिकार?

दिल्ली पुलिस ने एक व्यक्ति को इसलिए गिरफ्तार किया है कि वह सूचना के अधिकार का सहारा लेकर उन लोगों को ब्लैकमेल कर रहा था जिन्होंने या तो अवैध रूप से मकानों आदि का निर्माण किया था या सरकारी भूमि पर अतिामण किया था। वह उन सरकारी अधिकारियों को भी ब्लैकमेल कर रहा था जिन्होंने […]

नवयुवतियों में बढ़ती भ्रूण-हत्या की प्रवृत्ति

मलयालम के प्रमुख दैनिक समाचार-पत्र “मातृभूमि’ में एक अत्यंत चिंताजनक रिपोर्ट प्रकाशित हुई है, जो बताती है कि केरल की अविवाहित कन्याओं में गर्भधारण और भ्रूण-हत्याओं की संख्या में वृद्घि हो रही है। लिखा है कि 13 और 24 वर्ष के बीच की आयु-वर्ग की कन्याओं पर, जो अध्ययन आलपुषा मेडिकल कॉलेज के गाइक्नोलॉजी विभाग […]

एग्राफोबिया जब हर पल सताये बलात्कार हो जाने का डर

शालिनी और सपना दो बहने हैं। शालिनी सपना से तीन साल छोटी है, जबकि सपना की उम्र 19 साल है। शालिनी स्कूल, स्थानीय मार्केट या पास के शॉपिंग मॉल तक भी अकेले जाने से डरती है। वह सपना के बिना एक कदम भी घर से बाहर नहीं निकालती। उसे डर लगा रहता है कि अगर […]

लाई डिटेक्टर, नार्को एनालिसिस और ब्रैन मैपिंग सच उगलवाने के साइंटिफिक शस्त्र

अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी मर्डर मिस्ट्री नोएडा के आरूषि हत्याकांड से अब बस पर्दा उठने ही वाला है। हो सकता है, जब तक ये पंक्तियां छपकर आपके सामने पहुंचें, सनसनीखेज हत्याकांड से तब तक पर्दा उठ चुका हो और पूरा देश इस बात को जान गया हो कि वास्तव में आरूषि और […]

हिंसा की विभीषिका से कैसे मिले मुक्ति

हमारे समाज में हिंसा की विभीषिका दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। कभी राजनीतिक विचारधाराओं के संघर्ष के कारण, कभी आर्थिक असमानता से उत्पन्न असंतोष, कुंठा, संत्रास और निराशा के कारण। कभी जातीय अगड़ेपन और पिछड़ेपन से उत्पन्न द्वेष भावनाओं के कारण। कभी मजहबी वैचारिक संघर्ष के कारण। कभी महिलाओं के प्रति किए जाते अत्याचारों के […]

भ्रूण हत्या – एक अभिशाप

भ्रूण हत्या – एक अभिशाप

संसार में मनुष्य को ही नहीं, प्रत्येक प्राणी मात्र को जीने का अधिकार है। किसी भी प्राणी के प्राणों को बलात् लूट लेना हिंसा है। भगवान महावीर ने हिंसा के दो रूप बताएँ हैं- आवश्यक और अनावश्यक। एक गृहस्थ जीवन-यापन के लिए अनावश्यक हिंसा से बच नहीं सकता, किन्तु अनावश्यक हिंसा को  रोक सकता है। […]

बढ़ते रोड एक्सीडेंट्स – श्मशान बनती सड़कें

बढ़ते रोड एक्सीडेंट्स – श्मशान बनती सड़कें

वर्ष 2008 के शुरुआत में एक सेमिनार में बोलते हुए जब दिल्ली के राज्यपाल तेजेन्दर खन्ना ने साफ-साफ यह कह दिया कि दिल्ली वाले लोग ट्रैफिक सेंस के मामले में बेहद लापरवाह हैं तो आनन-फानन में उनके विरूद्ध एक मोर्चा खोल दिया गया और उन पर दबाव डाला गया कि वह बिना किसी शर्त के […]

लोकलाज के डर से दर्ज नहीं होते हैं महिला उत्पीड़न के मामले

लोकलाज के डर से दर्ज नहीं होते हैं महिला उत्पीड़न के मामले

तुमने अब तक शिकायत क्यों नहीं की? साहब हमें डर लगता था कि कोई मेरी बात नहीं मानेगा। पड़ोसियों से कहती या किसी खास दोस्त/सहेली को क्यों नहीं बताया? हरदम तो ताले में बन्द रखा जाता था साहब। कोई घर आता तो उससे बात तक करने की इजाजत नहीं थी…। यह अंश है उस बातचीत […]