गुड़ी पड़वा (नया संवत)

चैत्र सुदी एकम आज के दिन हमार नव वर्ष शुरु होता है भगवान को नीम पीस कर उसमे मिश्री डालकर भोग लगाते हैैं, वो ही प्रसाद सभी लेते हैं। गुड़ी का अर्थ है विजय पताका। कहा जाता है कि इसी दिन ब्रह्माजी ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसी दिन से नया संवत्सर भी शुरु […]

शीतला सातम

होली के सात दिन बात शीतला सप्तमी आती है। इसकी पूजा दिन व वार देखकर करते हैं वार अच्छा हो तो ठंडा बनाकर सप्तमी को बनाकर अष्टमी को खाते हैं मंगलवार व शनिवार को पूजा नहीं होती है। इस दिन रसोई में एक पानी के चावल, बाजरी का दलिया, गुलगुले बाजरी की रोटी मीसी रोटी […]

सूरज रोटा

होली के बाद पहला रविवार आता है उस दिन सूरज रोटा होता है, लडकी की शादी के बाद या पहले उसको व्रत करवाकर उद्यापन करवाते हैं, इसमें सूरज भगवान की पूजा होती है। उद्यापन में आठ लडकियों को खाना खिलाते है, गेहुँ का रोटा या पुडी बनाते हैं एक धान खाते हैं, उद्यापन के बाद […]

होली

हो – होली रंगभर झोली । ली – लीला प्रभु की होली । होली के दिन फूल खिल-खिल जाते हैं रंगों में रंग मिल जाते हैं स्नेह का अबीर प्रेम का गुलाल सतरंगी रंगों की छा जाती है बाहार। तभी होती है होली, जी हाँ होली तभी होती है । होली सस्नेह मिलन का प्रतीक […]

हिन्दू त्यौहार

त्यौहार क्या है ? त्यौहार सभी मनाते हैं, लेकिन सबके मनाने का तरीका अलग-अलग होता है ।  हमारें जीवन में त्यौहारों का विशेष महत्व है । हमारा नव वर्ष चैत्र सुदी 1 से शुरू होता है अतः हमारे त्यौहारों की शुरुआत हम चैत्र महीने से कर रहे हैं । चैत्र मास  होली  सूरज रोटा  शीतला […]

टेर मत कर मायारो गुमान भजन

टेर मत कर मायारो गुमान गुन्दी देही को अभिमान जारा आण लागा काल जमड़ा लुट ले जासी जमड़ा लुट ले जासी ओस वाली मोतीड़ा झड़ जाय जलभर खोक हो जासी सुरा बाई सेर सामी झेल धड़ से सिस अलगो मेल करले ब्रज की छाती छोड़ीया राव केसा रंक छोड़ीया लाव लश्कर संग छोड़ीया घुमता हाथी […]

ले बीणी रे धणीया ने आरोध्या भजन

ले बीणी रे धणीया ने आरोध्या रामकँवर जीने धूप केवा मोय दुर्वल माही बीड़ पड़ी है कई म्हारा निकंलग ने मलियो टेर बेगा बेगा आईजो विलम मती जाईजो मोय दुर्बल म्हारी देख दया कई थारो हालतो रो हेवड़ थाकीयो कई आलस कर सोय गया कई म्हारा देव कलुमाई दरपीया व कई अमर पूर माल रहया […]

ले बीणी रे धणीया ने आरोध्या भजन

ले बीणी रे धणीया ने आरोध्या रामकँवर जीने धूप केवा मोय दुर्वल माही बीड़ पड़ी है कई म्हारा निकंलग ने मलियो टेर बेगा बेगा आईजो विलम मती जाईजो मोय दुर्बल म्हारी देख दया कई थारो हालतो रो हेवड़ थाकीयो कई आलस कर सोय गया कई म्हारा देव कलुमाई दरपीया व कई अमर पूर माल रहया […]

अजमाल भक्ति कमाई रामा प्यारी हो भजन

अजमाल भक्ति कमाई रामा प्यारी हो डोकरा सेवा माने लागे प्यारी हो साम्भलोनी अरज रामा, आप अवतारी ओ साम्भलोनी अरज रामा गोविन्द गिरधारी ओ तन मन तपस्या करी कमाई ओ बारह बारह बरस रामा गया एक धारीओ तेहखा बरसा में माने, मिलिया गिरधारी ओ टेर उपना तोडा दुध रामा, जडिया ठिकाने ओ कूकूरा पगलिया रो […]

एक सब पीरन में पीर तंवर तपधारी भजन

एक सब पीरन में पीर तंवर तपधारी तपधारी तवर तप धारी एक रामा राजकंवार आप अवतारी एक समय अजमालजी द्वारका आये द्वारका आये जा बैठा चारन चोर के दर्शन पाये अजमलजी करी अर्दाश अर्ज सुनलीजो अर्ज सुन लीजो एक आप सरीका पुत्र हरी मोये दीजो जा होगा तेरे पुत्र वंश में भारी वंश में यारी […]