सर्दी-जुकाम में करें घरेंलू उपचार

वर्ष में दो-चार बार हमें सर्दी-जुकाम और खांसी आदि जकड़ लेती है, हम तुरंत ही दवा लेने के लिए डॉक्टर के पास दौड़े चले जाते हैं, थोड़ा सब्र-संतोष, विचार नहीं करते कि प्रकृति हमारे शरीर के अन्दर उत्पन्न विजातीय पदार्थों (दूषित पदार्थ, जो स्वेद, कफ के रूप में इकट्ठा हो गया है) को निकालने के […]

टीकाकरण ही दिमागी बुखार का एकमात्र उपाय

जापानी इंसेफलाइटिस (दिमागी बुखार) एक गम्भीर वाइरस जनित बीमारी है, जो मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलती है। जलीय पक्षियों व चिड़ियों को काटा मच्छर यदि किसी व्यक्ति को काट ले तो वह इस बीमारी की चपेट में आ जाता है। इस बीमारी से ग्रसित लोगों में 30 प्रतिशत की मौत हो जाती है […]

जन्म से पूर्व ही

जन्म से पूर्व ही उस दिन मेरे पापा और हमारे परिवार के अन्य सदस्य बहुत प्रसन्न थे, जब मेरी मम्मी ने अपने गर्भवती होने की सूचना उन सब को दी थी। यहां तक कि मेरी दादी ने सब रिश्तेदारों को लड्डू भी बांटें, क्योंकि यह खुशखबरी दो सालों के लम्बे अन्तराल की निराशा के बाद […]

पितृ-प्रकोप निवारण एवं शांति हेतु शनि अमावस्या पर विशेष नान्दी-श्राद्ध

भारतीय संस्कृति एवं पुराणों में तिथियों एवं वारों का विशेष महत्व है। इनमें साधक पूजा व दान करके अक्षयफल प्राप्त करता है। सोमवती अमावस्या, शनि अमावस्या, सोम प्रदोष, शनि प्रदोष, अगार की चतुर्थी, बुधाष्टमी, सूर्य सप्तमी आदि तिथियों का आना विशिष्ट-योग माना जाता है, जो संयोगवश ही आती हैं। धार्मिक अनुष्ठानों एवं शुभ कार्यों में […]

श्रृंगवेरपुर : जहाँ राम ने केवट से नाव मांगी थी

श्रृंगवेरपुर उत्तर-प्रदेश के जनपद इलाहाबाद की तहसील सोराँव में, इलाहाबाद शहर से तैंतीस किलोमीटर दूर इलाहाबाद-लखनऊ मार्ग पर मुख्य रोड से तीन किलोमीटर अंदर गंगानदी के किनारे स्थित है। राजस्व अभिलेखों में इसका नाम सिगरौर है। यहाँ ऋषि श्रृंगी (श्रृंगी) का आश्रम था (श्रृंगवेरपुर श्रृंगी ऋष्याक्षम, अध्यात्म रामायण टीका 5/7)। यहाँ ऋषि श्रृंगी एवं माँ […]

पढ़ी-लिखी जेनरेशन नेक्स्ट बन रही है आतंक की नई पौध – लोकमित्र

अब्दुल सुभान उर्फ तौकीर, आतिफ उर्फ बशीर, साकिब निसार, मुहम्मद शकील, जिया उर रहमान और सैफ। आखिर इन सबके बीच समानता क्या है? दिल्ली, अहमदाबाद, बंगलुरू, जयपुर और वाराणसी में हुए बम विस्फोटों से इन सबका रिश्ता है। आतंक के खूंखार सौदागर होने के साथ-साथ इन सबमें एक और बड़ी समानता है। ये सब युवा […]

लोग कहते हैं वैश्वीलकरण, उदारीकरण व निजीकरण

आज देश में महंगाई, बेरोजगारी व गरीबी बढ़ी है। महंगाई के कारण 70 प्रतिशत लोगों की दैनिक आय घटी है तथा बेरोजगारी बढ़ी है। वैश्‍वीकरण, उदारीकरण तथा निजीकरण के चलते एक ओर बाजार में चाइना आइटम भरे पड़े हैं तो दूसरी ओर देश में अधिकतर वस्तुएँ निर्यात के लिये बनायी जाती हैं। अतः भारतीय उद्योग […]

पद बढ़ रहा है, कद नहीं

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के आंकड़े इस बात की गवाही देते हैं कि रोजगार की दुनिया में महिलाओं की संख्या बढ़ रही है लेकिन संख्या बढ़ने के बावजूद रोजगार में महिलाओं का रुतबा नहीं बढ़ रहा है। यह लगभग वैसा ही है कि जैसे फौज में बड़े पैमाने पर आजादी के पहले हिंदुस्तानी सिपाही तो […]

बहुतउपयोगी नरीशिंग नाइट ाीम

सौंदर्य-प्रसाधनों में नरीशिंग नाइट ाीम को विशेष स्थान प्राप्त है। इसका प्रयोग त्वचा को सुरक्षा प्रदान करने के लिए किया जाता है, जैसा कि नाइट ाीम के नाम से ही ज्ञात होता है कि यह रात में लगाई जाती है। यह ाीम त्वचा की इस प्रकार से सफाई करती है कि सोते समय भी त्वचा […]

हाई सैलरी रिश्तों पर भारी

कुछ दशकों पहले एक फिल्मी गीत बेहद लोकप्रिय हुआ था, ‘तेरी दो टकिए की नौकरी से मेरा लाखों का सावन जाए…।’ रोजी-रोटी कमाने के लिए हमारे यहां गांवों, कस्बों और छोटे शहरों से लोगों का बड़े शहरों की तरफ पलायन हमेशा से रहा है। यह पलायन रिश्तों पर हमेशा अपना प्रभाव भी छोड़ता रहा है। […]